महागठबंधन के टूटने के बाद बिहार में मचा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर जहाँ आरजेडी और कांग्रेस लगातार नीतीश कुमार पर धोखा देने का आरोप लगा रही है वहीं दूसरी ओर सभी पार्टियां अंतर्कलह से परेशान हैं। भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार की जेडीयू में भी बगावत के स्वर उठने लगे थे और वरिष्ठ पार्टी नेता शरद यादव, राज्यसभा सांसद अली अनवर और बिरेन्द्र कुमार ने खुले तौर पर नीतीश कुमार के इस कदम का विरोध किया था। आरजेडी के कई नेताओं ने लालू प्रसाद यादव की हठधर्मिता और पुत्रमोह को महागठबंधन टूटने का कारण बताया था। वहीं नीतीश कुमार के विश्वासमत प्रस्ताव दाखिल करने के बाद से ही 7 कांग्रेस विधायकों की जेडीयू के साथ आने की बात सामने आ रही थी। अब यह बात खुलकर सतह पर आ चुकी है। आज पटना में कांग्रेस के विधायक दल की बैठक में यह सातों विधायक नदारद दिखे। बताया जा रहा है कि यह पार्टी के आरजेडी के साथ चल रहे गठबंधन से ऊब चुके हैं और जल्द ही इसपर कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं।
बता दें कि बिहार में कांग्रेस के 27 विधायक हैं। आज हुई विधायक दल की बैठक में इनमें से 20 विधायक ही उपस्थित रहे। खबर आ रही है कि बैठक में अनुपस्थित रहने वाले शेष 7 विधायक जेडीयू के संपर्क में हैं। ये सभी विधायक कांग्रेस पार्टी के हाथ से सत्ता निकलने के बाद से नाराज चल रहे हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन से भी यह खुश नहीं है। हालांकि पार्टी नेताओं ने ऐसी किसी भी संभावनाओं का खंडन किया है। कांग्रेस विधायकों की यह फूट ऐसे समय में सामने आई है जब जेडीयू के बागी नेता शरद यादव और आरजेडी के ‘युवराज’ और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के खिलाफ बिहार में रैली निकाल रहे हैं। ऐसे वक़्त में कांग्रेस में बगावत विपक्ष को कमजोर करेगी और नीतीश कुमार बिहार में और मजबूत होकर उभरेंगे।