बांग्लादेश के विभाग के मुताबिक, देश में भारी बारिश से 114 नागरिकों की मौत हो गयी है। भारत और नेपाल की नदियों से पानी बांग्लादेश में घुस गया है। ढाका ट्रिब्यून ने पुष्टि की कि सैकड़ो लोगो की मौत हो गयी है और 95 अन्य बाढ़ में बह गए हैं। इस बाढ़ ने बीते 17 दिनों में देश के 28 जिलो को नुकसान पंहुचाया है।
विभागों ने बताया कि जिलो में बाढ़ से हजारो लोग प्रभावित हुए हैं। जबकि प्रमुख नदियों के जल के स्तर के बढ़ने से इससे इन लोग पानी से भरे इलाको में रहने को मजबूर है। पानी के बढ़ने से प्रभावित जिलो में पानी से होने वाली खतरनाक बिमारियों के फैले में मौके बढ़ गए हैं।
कंट्रोल रूम डाटा के मुताबिक बाढ़ के कारण 14781 लोगो बीमार पड़े हैं पानी से होने वाली बीमारियाँ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला 10 जुलाई से 26 जुलाई तक रहा था। इस दौरान कुल 5571 लोग डायरिया से पीड़ित हुए हैं, 1610 लोग रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, सात बिजली के चमकने और आठ की मौत सांप के काटने से हुई है।
इसके आलावा 1905 लोग त्वचा सम्बंधित रोग से पीड़ित है और 479 को आँखों में जलन और बाढ़ के कारण 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
बाढ़ से प्रभावित जिलो में शरियतपुर, राजबारी, मानिकगंज, मुंशीगंज, नेत्रोकोना, चिट्टागोंग, कॉक्स बाज़ार, खग्रछारी, बंदरबां, रंगमती, फेनी, बोगरा, गैबंधा, लाल्मोनिर्हत, निल्फमारी, स्यल्हेत, सुनाम्गंज, मौल्विबज़ार, कुरिग्राम, जमालपुर, शेरपुर, ब्रह्मंबरिया, तंगैल, सिराजगंज, हबिगंज, फरीदपुर, चांदपुर और मदारीपुर शामिल है।
बांग्लादेश में उने से सितम्बर के मानसून के महीने में निरंतर बाढ़ आती रहती है। बंगाल की खाड़ी में जाने वाली हजारो नदियाँ तटबंधो को तोड़ देती है।