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    प्लूटो ग्रह pluto planet in hindi

    विषय-सूचि

    प्लूटो क्या है? (what is pluto in hindi?)

    कभी सौर मंडल का नौवां ग्रह माना जाने वाला प्लूटो अब सबसे बड़ा ड्वार्फ ग्रह है। कुइपर बेल्ट में निवास करने वाले पिंडों में से प्लूटो का अकार सबसे बड़ा है।

    इसके पांच चन्द्रमा हैं – Charon, Staryx, Nix, Kerberos एवं Hydra। प्लूटो की खोज साल 1840 से शुरू हुई।प्लूटो की खोज क्लाईड टॉमबॉग नमक वैज्ञानिक ने साल 1930 में की थी। उस समय उसको नौवां ग्रह घोषित किया गया। वेंटिया बर्नी नामक एक छात्रा ने इसका नाम प्लूटो रखा।

    एक समय ऐसा भी था जब यह माना जाता था कि प्लूटो नेप्चून  ग्रह का चन्द्रमा था जो बाद में वहां से निकल कर सूर्य की परिक्रमा करने लगा।

    प्लूटो की भौतिक विशेषताएं (Physical Characteristics of Pluto planet in Hindi)

    पृथ्वी से यह ग्रह बहुत दूर है, इस कारण इसके आकार या सतह के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध हुआ करती थी। साल 2015 में नासा का एक मिशन न्यू होराइजन इस ड्वार्फ ग्रह के बहुत पास से गुजरा। इससे पता चला की प्लूटो का व्यास 2370 किमी है। यहाँ के पहाड़ 11,000 फिट तक लम्बे हैं। प्लूटो का लगभग पूरा सतह मीथेन एवं नाइट्रोजन मिश्रित बर्फ से ढाका हुआ है।

    प्लूटो के सतह पर 98% नाइट्रोजन बर्फ मिलते हैं एवं कुछ अंश मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड के रहते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यहाँ के पहाड़ भी नाइट्रोजन के बर्फ से बना हुआ है। प्लूटो के सतह के चमक एवं रंग में बहुत अंतर है। इसका कोई अपना मैग्नेटिक क्षेत्र नहीं है।

    प्लूटो के वायुमंडल में मीथेन गैस की भरमार है जोकि एक ग्रीनहाउस गैस है। इसके कारण वहां के तापमान में हमेशा बदलाव होता रहता है। यहाँ का वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी के मुकाबले 100,000 गुना कम है। कम दबाव होने के कारण नाइट्रोजन गैस प्लूटो के सतह पर कई बार तरल रूप में बहती हुई भी पायी गयी हैं। प्लूटो सौर मंडल के सबसे ठन्डे जगहों में से एक है। यहाँ का औसतन  तापमान माइनस 225॰ सेल्सियस है।

    प्लूटो सूर्य ग्रह से, पृथ्वी के मुकाबले 49 गुना ज्यादा दूर है। पृथ्वी के दिन के अनुसार सूर्य की परिक्रमा करने में यह 250 साल लगाता है। परिक्रमा करते वक्त प्लूटो जब सूर्य के काफी नजदीक आ जाता है, तब इसके वायुमंडल में कुछ बदलाव आता है जिसके कारण उसमे थोड़ा गाढ़ापन आ जाता है। प्लूटो का गुरुत्वाकर्षण बहुत कम है।

    प्लूटो का वायुमंडल, यहाँ के सतह से 1000 मील तक फैला हुआ है। इस ग्रह के छोटे आकर और बहुत ही धीमी परिक्रमा गति के कारण यहाँ मैग्नेटिक क्षेत्र नहीं है। यहाँ का सतह 70% पथरीला एवं 30% नाइट्रोजन बर्फ के मिश्रण से बना हुआ है। यह उत्तर से पूर्व दिशा की तरफ सूर्य की परिक्रमा करता है।

    प्लूटो के ऊपर किये गए शोध (Observations About Pluto planet in Hindi)

    • साल 2006 में प्लूटो को ड्वार्फ ग्रह की श्रेणी में डाला गया क्योंकि यह ग्रह की विशेषताओं को परिभाषित नहीं कर पा रहा था।
    • न्यू होराइजन मिशन द्वारा लिए गए फोटो के आधार पर वैज्ञानिक ऐसा मानते हैं कि वहां के क्रस्ट भाग में जमी हुई मीथेन गैस बहुत अधिक मात्रा में है।
    • प्लूटो के सतह पर दिल के आकार का बहुत बड़ा गड्ढा खोजा गया है जिसे इसके खोजकर्ता के नाम पर टॉमबॉग रेजिओ का नाम दिया गया है।

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