प्रदूषण से पूरी दिल्ली परेशान है, जहरीली धुंध से दिल्ली वासियों का दम घुट रहा है। लोग घर में कैदी की तरह जिंदगी बिताने को मजबूर है। लेकिन जनता की परेशानियों को कम करने के बजाए सत्ता में बैठे लोग अपनी ही तरह की राजनीति इस मुद्दे पर कर रहे है। जी हां, राजनीती के इस खेल से दिल्ली की प्रदूषण भी अछूती नहीं रही है।
नेताओं में आरोप प्रत्यारोप का का खेल चल रहा है। अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के बजाए सब एक दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार घोषित करने में लगे है। गौरतलब है कि दिल्ली के सीएम ने प्रदुषण के लिए पडोसी राज्यों को जिम्मेदार बताया था। उन्होंने कहा था कि पडोसी राज्यों की वजह से यह सब हों रहा है। अगर हरियाणा और पंजाब सहयोग दे तो इस प्रदुषण पर अंकुश लगाया जा सकता है।
अपना बचाव करते हुए पंजाब के सीएम ने केजरीवाल के बयान को आधारहीन करार दिया है। उन्होंने कहा है कि केजरीवाल अजीब आदमी है तथा वो बोलने से पहले कुछ भी नहीं सोचते है। साथ ही उन्होने दिल्ली सरकार पर कुछ भी न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि केजरीवाल इस प्रदुषण को कम करने के लिए कुछ नहीं कर रहे।
पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने इस मामले को राज्यों के बिच का मामला मानने से इंकार कर दिया है उन्होने कहा है कि इस मामले में केंद्र को कदम उठाने की जरूरत है।
वहीं इस मामले में केंद्रीय पर्यावरण हर्षवर्धन मंत्री भी दिल्ली सरकार पर आरोप लगाना नहीं भूले, उन्होने भी इन सबके लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि केजरीवाल कुछ नहीं कर रहे इसलिए दिल्ली वालों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।