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    पेटीएम

    पेटीम ने अपने ट्रेवल बिज़नस में विस्तार करने के लिए हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया है। इसने अपने ऑनलाइन प्लेटफार्म पर होटल बुकिंग भी शुरू कर दी है और इसके लिए इसने नाईटस्टे नामक लक्ज़री होटल में स्टे करने की सुविधा देने वाली सेवा को खरीद लिया है।

    500 करोड़ निवेश करने की है योजना :

    पेटीएम ने बताया की यह योजना है की अपने ट्रेवल बिज़नस को और बढाने के लिए वह 500 करोड़ का निवेश किया जाएगा और इसके अंतर्गत पेटीएम ने लगभग 5000 बजट, लक्ज़री और व्यावसायिक होटल के साथ भागीदारी भी की है।इसके होटल पार्टनर्स में सरोवर, ज़ूरी, ट्रीबो, इंडियन होटल्स कंपनी के जिंजर, स्टर्लिंग और वर्सटोर्ट्स जैसी चेन शामिल हैं। कंपनी ने कहा कि इसका लक्ष्य 2020 तक 2 मिलियन होटल और वैकल्पिक आवास तक पहुंचना और 2020 तक एशिया का शीर्ष होटल-बुकिंग गंतव्य बनना है।

    नाईटस्टे के बारे में जानकारी :

    नाइटस्टे लक्जरी और व्यावसायिक होटलों में अनसोल्ड इन्वेंट्री एकत्र करता है और ग्राहकों को अंतिम-मिनट की रियायती दर प्रदान करता है। पेटीएम ने 2014 में अपना यात्रा व्यवसाय शुरू किया और रेल, बस और उड़ान बुकिंग के दौरान एक साल में 60 मिलियन से अधिक टिकट बेचने का दावा किया। इस वर्ष की शुरुआत में, पेटीएम ट्रैवल ने भी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को विदेशी-विनिमय सेवाएं प्रदान करना शुरू कर दिया था।

    नाईटस्टे को पेटीएम् द्वारा खरीदे जाने के बाद इसका नेत्रित्व इसके संस्थापक नासिर खान ही करेंगे। उनका ध्येय ग्राहकों  अपने प्लेटफ़ॉर्म पर विस्तृत यात्रा चयन की पेशकश करना है अपपने विश्वसनीय ट्रैवल पार्टनर्स की मदद से अपने विस्तार को जारी रखना चाहते हैं।

    2018 में पेटीएम को हुआ 14.9 अरब रुपये का नुकसान

    पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन ने हाल ही में अपने आकड़ों को जारी करते हुए बताया है कि कंपनी को 31 मार्च 2018 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में 14.90 अरब रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्तीय वर्ष में पेटीएम को 8.79 अरब डॉलर का घाटा हुआ था।

    हालाँकि कंपनी के राजस्व में गज़ब की बढ़ोतरी देखने को मिली है। वन 97 कम्युनिकेशन ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में 29.87 अरब रुपये का राजस्व इकट्ठा किया है, जबकि वित्तीय वर्ष 2016-17 में कंपनी को 6.24 अरब रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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