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    पृथ्वी का चक्कर लगाना क्या है? (What is Rotation of Earth)

    पृथ्वी अपनी धुरी पर पश्चिम से पूर्व दिशा में घूमती है। इस चक्कर को पूरा होने में 24 घंटे का समय लगता है। पृथ्वी के चक्कर के वजह से दिन और रात की प्रक्रिया होती है। ग्लोब पर बना हुआ वृत्त जो पृथ्वी के एक भाग में हो रहे दिन की अवस्था को दूसरे भाग में रात की अवस्था से अलग करता है, उसे प्रदीपन वृत्त (circle of illumination) कहते हैं।

    पृथ्वी अपने झुके हुए अवस्था में धुरी पर घूमती है। सामान्य अवस्था में पृथ्वी की धुरी 23.5॰ का कोण बनाती है। कक्षीय ताल के हिसाब से 66.5 ॰ का कोण बनता है।

    विषुवत वृत्त पर दिन का रात से लम्बे होने का कारण (The Reason of days being Longer than Nights at Equator)

    अगर पृथ्वी का वायुमंडल नहीं होता तो अपवर्तन की प्रक्रिया नहीं होती और विषुवत वृत्त के पास दिन और रात दोनों बराबर समय लेते। वायुमंडल की मोटाई और गहराई के कारण पृथ्वी के सतह पर पहुँचने से पहले सूर्य की रौशनी अपवर्तित हो जाती है।

    अपवर्तन की प्रक्रिया सुबह और शाम के समय तेजी से हो रही होती हैं क्योंकि इस समय सूर्य की किरणे तिरछी होती है। भले ही इस समय सूर्य की किरणे क्षितिज के नीचे होती हैं, हो रहे अपवतन के कारण क्षितिज के ऊपर दिखाई देते हैं। इसके कारण विषुवत वृत्त के पास वाले इलाकों में दिन रात से लम्बे होते हैं।

    बढ़ते अक्षांश के साथ गिरते तापमान का कारण(As latitude increases temperature Decreases – Reason)

    कोई व्यक्ति जैसे जैसे विषुवत वृत्त से ध्रुवों की तरफ बढ़ता है वह यह महसूस करता है कि तापमान गिर रहा है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी का आकार गोल है और ध्रुव तक पहुँचते पहुँचते सूर्य की किरणे कम मात्रा में पृथ्वी के सतह तक पहुँचती हैं।

    ध्रुवों तक पहुँचते पहुँचते ऊर्जा की मात्रा प्रति यूनिट क्षेत्रफल के हिसाब से कम होने लगती है। ध्रुवों के पास के क्षेत्रों में सूर्य की रौशनी बहुत कम मात्रा में और तिरछे रूप में पहुँचती है

    पृथ्वी का परिक्रमा करना क्या है? (What is revolution of Earth)

    सूर्य के चरों ओर अपनी कक्षा (orbit) में अपने परिक्रमा को पूरा करने के लिए पृथ्वी 365 1/4 दिन का समय लेती है जो एक साल के बराबर है।

    पृथ्वी के हिसाब से हर साल छह घंटे बचा लिए जाते हैं और उसको चौथे साल में जोड़ दिया जाता है, इसके हिसाब से एक दिन बनता है, अतः चौथा साल अधि वर्ष (leap year) कहलाता है। इस साल पूरे वर्ष ३६६ दिन होते हैं और फरवरी माह में 28 के बजाय 29 दिन होता है।

    अन्य तथ्य

    • आर्कटिक लाइन के परे जो क्षेत्र हैं, उनको गर्मी के मौसम के दौरान पूरे दिन सूर्य की रौशनी मिलती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उस मौसम के दौरान उत्तरी ध्रुव पर मौजूद पृथ्वी का अक्ष सूर्य की तरफ झुका हुआ होता है।
    • हर साल 21 मार्च और 23 सितंबर के दौरान सूर्य की रौशनी सीधे विषुवत वृत्त पर पड़ती है। इस दिनांक को दिन और रात दोनों का समय बराबर होता है। इस प्रक्रिया का विषुव (equinox) कहते हैं।

    सम्बंधित लेख: पृथ्वी का घूर्णन और परिक्रमण क्या हैं?

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