भारतीय फिल्म “पीरियड.एंड ऑफ़ सेंटेंस” जो मासिक धर्मं के आसपास की वर्जनाओं पर आधारित है, उसे केटेगरी-‘डाक्यूमेंट्री शोर्ट सब्जेक्ट’ के तहत ऑस्कर मिल गया है। फिल्म में खुद पैड मैन अरुणाचलम मुरुगानान्थम भी दिखाई दिये थे। इस केटेगरी में बाकी नोमिनीस थे-‘ब्लैक शीप’, ‘एंड गेम’, ‘लाइफबोट’ और ‘ए नाईट एट द गार्डन’।
फिल्म की कार्यकारी निर्माता गुनीत मोंगा इस एतिहासिक जीत से बहुत खुश हैं और उन्होंने ट्विटर के जरिये अपनी ख़ुशी जाहिर की। उन्होंने लिखा-“हम जीत गए। धरती की हर लड़की के लिए…जान लो कि तुम एक देवी हो।”
WE WON!!! To every girl on this earth… know that you are a goddess… if heavens are listening… look MA we put @sikhya on the map ❤️
— Guneet Monga (@guneetm) February 25, 2019
फिल्म में महिलाओं द्वारा मासिक धर्म की परेशानियों से जूझते हुए दिखाया गया है और कैसे अरुणाचलम मुरुगानान्थम का काम उनके लिए राहत लेकर आता है। फिल्म का सह-निर्माण मोंगा के सिखया एंटरटेनमेंट ने किया है जिन्होंने पहले ‘द लंचबॉक्स’ और ‘मसान’ जैसी फिल्मों का निर्माण किया हुआ है।
पुरस्कार विजेता ईरानी-अमेरिकी फिल्म निर्माता रेका ज़्हाटबाची द्वारा निर्देशित, फिल्म ‘द पैड प्रोजेक्ट’ द्वारा बनाई गई है, जो लॉस एंजिल्स में ओकवुड स्कूल में छात्रों के प्रेरित समूह और उनके शिक्षक मेलिसा बर्टन द्वारा स्थापित एक संगठन है।
26 मिनट की फिल्म में उत्तर प्रदेश के हापुड़ की महिलाओं के बारे में दिखाया गया है जो अपने गाँव में पैड मशीन की स्थापना करती हैं।
सम्मान लेते वक़्त ज़्हाटबाची ने कहा-“मैं नहीं रो रही हूँ क्योंकि मैं अपने पीरियड या किसी पर भी हूँ। मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मासिक धर्मं पर बनी फिल्म ने ऑस्कर जीत लिया है। गुनीत मोंगा जान लो कि तुम विश्व भर की महिलाओं को सशक्त कर रही हो जो मासिक धर्म की समानता के लिए लड़ रही हैं।”
आगे उन्होंने अपनी टीम का धन्यवाद करते हुए कहा-“मैं ये पुरुस्कार फेमिनिस्ट मेजोरिटी फाउंडेशन, पूरी टीम और कास्ट के साथ साझा करती हूँ। मैंने इसे दुनिया के सभी शिक्षक और छात्रों के साथ साझा करती हूँ-एक पीरियड को सजा खत्म कर देनी चाहिए, किसी लड़की की शिक्षा नहीं।”