Sat. Nov 23rd, 2024
    पाकिस्तान का राष्ट्रिय ध्वज

    पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने दावा किया कि मुल्क मित्र देशो की मदद से वित्तिय संकट से उभर गया है और अब अर्थव्यवस्था सही दिशा की ओर अग्रसर है। स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान के गवर्नर तारिक़ बाजवा ने यह बयान सऊदी अरब द्वारा 20 अरब डॉलर के निवेश के के बाद दिए हैं।

    डॉन के मुताबिक उन्होनें सोमवार को लाहौर की प्राइवेट यूनिवर्सिटी में कहा कि “अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता अब खत्म हो गयी है, अब सरकार सही मार्ग पर है और वह सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम है।” गवर्नर ने चालू वित्तीय घाटे के बाबत बताया, जिसने बीते वित्तीय वर्ष अर्थव्यवस्था को बुरी तरह नुकसान पंहुचाया है।

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए चालू वित्तीय घाटा सबसे चिंताजनक विषय है। पीएम खान ने मुल्क में निवेश और वित्तीय संकट से उभारने के लिए मैत्री देशों चीन, सऊदी अरब, यूएई, मलेशिया और तुर्की की यात्रा की थी। गवर्नर बाजवा ने कहा कि “चालू घाटे को खत्म करने के लिए एक योजना तैयार की जा चुकी है। यह घाटा पाकिस्तान और सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।”

    पाकिस्तानी सरकार अभी भी बैलआउट पैकेज के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से बातचत कर रही है। हाल ही में वित्त मंत्री ने कहा कि “हमारे और आईएमएफ के मध्य मतभेद नागण्य है और ऐसा लगता है कि हम आईएमएफ के साथ समझौते मुक्कमल करने के लिए काफी नजदीक पंहुच चुके हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सत्ता में आने के बाद ही आईएमएफ के साथ राहत पैकेज के लिए बातचीत शुरू हो गयी थी। पाकिस्तान और आईएमएफ के मध्य मुल्क में सुधार को लेकर काफी मतभेद थे।”

    जुलाई 2018 तक पाकिस्तान का वित्त घाटा 18 बिलियन डॉलर था। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के पास सिर्फ दो माह के आयात के लिए 8 बिलियन डॉलर शेष है। साल 2013 में पाकिस्तान पर आये आर्थिक संकट के निपटान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने भी आइएमएफ का दरवाजा खटखटाया था। उस समय आईएमएफ ने पाकिस्तान को 6.6 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया था। तत्कालीन विपक्षी नेता इमरान खान ने इसका विरोध किया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *