Fri. Apr 26th, 2024
    करीमा बलोच

    बलूचिस्तान की राजनीतिक कार्यकर्ता ने पाकिस्तान पर उनके संसाधनों को लूटने और बलोच जनता को कुचलने का आरोप लगाया है। इस प्रान्त की भूरणनीतिक महत्वता काफी अधिक है और यह भारी मात्रा में संसाधनों का भण्डार है।

    बलोच के संसाधन चाहिए

    बलोच छात्र संघठन-आज़ाद की पूर्व अध्यक्ष करीमा बलोच ने इंटरव्यू में कहा कि “पाकिस्तान हमेशा इस क्षेत्र पर कब्जे की बात करता है। वे बलोच नागरिकों को नहीं चाहते हैं बल्कि यहां संसाधनों की भरमार को चाहते हैं। संसाधनों का शोषण करने की उनकी नीति रही है और वह इसे अपनी भू रणनीतिक महत्वता के लिए इस्तेमाल करता रहा है जबसे बलूचिस्तान की आज़ादी का संघर्ष शुरू हुआ है।”

    पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रान्त बलूचिस्तान में प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है इसमें कॉपर, सोना, तेल, कीमती पत्थर, क्रोमाइट और प्राकृतिक गैस है। इसका किनारा समुन्द्र से जुड़ा हुआ है जो विश्व के सबसे महत्वपूर्ण शिपिंग मार्गो में से एक है। इसका नाम होर्मुज जलमार्ग है।

    बलूचिस्तान में प्राकृतिक संसाधनों की भरमार होने के बावजूद यहां की जनता बेरोजगारी, शिक्षा की गुणवत्ता और स्वच्छ जल की कमी से जूझ रही है। बलोच जनता दशकों से अपने अधिकारों के लिए पाकिस्तान के साथ संघर्ष कर रही है लेकिन उन्हें देशद्रोही और चरमपंथी का टैग दे दिया गया है।

    कशरियों का हक़ की आवाज़, हमारी क्यों नहीं

    करीमा बलोच ने कहा कि “अगर अधिकारों के लिए आवाज़ उठाना चरमपंथ है तो हम चरमपंथी है। उन्होंने बल का इस्तेमाल कर हमारे प्रान्त पर कब्ज़ा कर लिया था। पाकिस्तान हमेशा कई अंतर्राष्ट्रीय मंचो पर कश्मीरी आज़ादी की बात करता है। पाकिस्तान क्यों कश्मीरियों की आलोचना नहीं करता है? अगर आज़ादी, संस्कृति, भाषा और क्षेत्र का संरक्षण चरमपंथ है तो हम चरमपंथी है। वे चाहे हमें कुछ भी कह सकते हैं लेकिन हम अपना संघर्ष नहीं रोकेंगे।”

    बीते कुछ वर्षों ने एक बड़े स्तर पर राजनीतिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और छात्रों को बलूचिस्तान से गायब किया गया है। इन लोगो का कथित तौर पर फ्रंटियर कॉर्प्स और अन्य ख़ुफ़िया विभागों द्वारा अपहरण किया गया है और उन्हें नज़रबंद शिविरों में रखा गया है। लापता लोगो के परिवारों ने आरोप लगाया है कि बगैर किसी आरोप के उन्हें बर्बरता से प्रताड़ित किया जाता है।

    उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान में लापता व्यक्तियों के बारे में कोई नहीं सुनता है। दिन दहाड़े फ्रंटियर कॉर्प्स, ख़ुफ़िया विभाग और सेना द्वारा बेकसूर नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया जाता है। वह अदालत को जवाबदेही नहीं होते हैं। इस मुल्क में न्यायिक व्यवस्था कमजोर है और सेना व ख़ुफ़िया विभाग ताकतवर है।”

    चीन की चीन-पाक आर्थिक गलियारा परियोजना के शुरु होने के बाद बलोच जनता की मुश्किलों में ख़ासा इजाफा हुआ है। बलूचिस्तान में चीन को सुरक्षा की गुरंटी देने के लिए पाकिस्तान ने अपने अभियान को तीव्र कर दिया है। चीन ने ग्वादर के निर्माण में भारी रकम निवेश की है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *