पाकिस्तान ने इंडियन प्रीमियर लीग के आगामी सत्र को देश में प्रसारित नहीं करने का फैसला किया है। पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद अहमद चौधरी ने गुरुवार को इस बात की पुष्टि की। आईपीएल का 12 वां संस्करण 23 मार्च से शुरू हो रहा है, हालांकि, पाकिस्तान मैचों का प्रसारण नहीं करेगा। चौधरी ने कहा कि जिस तरह से भारत सरकार और कंपनियों ने पाकिस्तान सुपर लीग के साथ किया वह निराशाजनक था और पड़ोसी देश भारत में पीएसएल के शत्रुतापूर्ण स्वागत के बाद देश में आईपीएल को नहीं दिखा सकते।
इससे पहले, डी-स्पोर्ट- भारत में पीएसएल के आधिकारिक प्रसारक ने टूर्नामेंट के नॉकआउट चरणों के दौरान प्रसारण शुरू करने से पहले भारत में लीग के कवरेज पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। डी-स्पोर्ट ने पुलवामा हमले के मद्देनजर जहां हमारे सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे उसके चलते पीएसएल प्रसारण बंद करने का निर्णय लिया था।
भारत के कई राज्य क्रिकेट बोर्डों ने हमले के विरोध में अपने परिसर से पाकिस्तान क्रिकेट से संबंधित तस्वीरें और यादगार तस्वीर भी हटवा दी थी। आईएमजी रिलायंस ने पीएसएल के आधिकारिक निर्माता के रूप में भी अपने आप को पीछे खींच लिया था जिसने पाकिस्तान स्थित टी-लीग को टूर्नामेंट में एक नई उत्पादन कंपनी खोजने के लिए मजबूर किया।
फवाद चौधरी ने एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल को बताया, “पीएसएल के दौरान, जिस तरह से भारतीय कंपनियों और सरकार ने पाकिस्तान क्रिकेट के साथ व्यवहार किया। उसके बाद हम यह बर्दाश्त नहीं कर सकते कि आईपीएल पाकिस्तान में दिखाया जाए।”
चौधरी ने भारत सरकार और भारतीय क्रिकेट टीम पर क्रिकेट के राजनीतिकरण का भी आरोप लगाया। इससे पहले, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने आईसीसी को लिखा था कि वह बीसीसीआई के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध करे, क्योंकि इससे पहले भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की श्रृंखला के रांची वनडे में सेना कैप के खेल को पुलवामा हमले के शहीदों के सम्मान के रूप में प्रदर्शित किया।
उन्होंने कहा, “हमने राजनीति और क्रिकेट को अलग रखने की कोशिश की, लेकिन तब भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेना की टोपी पहनकर मैच खेला। उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुझे लगता है कि अगर पाकिस्तान में आईपीएल नहीं दिखाया गया तो यह आईपीएल और भारतीय क्रिकेट के लिए नुकसान दायक होगा। चौधरी ने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक क्रिकेट महाशक्ति हैं।”