कल उपराष्ट्रपति पद के लिए वेंकैया नायडू का नाम घोषित होते ही यह तय हो गया कि देश के सर्वोच्च तीन पदों पर पहली बार आरएसएस के सेवक विराजमान होंगे। कल राष्ट्रपति चुनाव के संपन्न होते ही भाजपा की बैठक में वेंकैया नायडू का नाम चुना गया था।
इससे पहले पिछले महीने अमित शाह ने राष्ट्रपति पद के लिए राम नाथ कोविंद का नाम घोषित करके सबको हैरान कर दिया है। कई लोगों ने इसे उन्हें आरएसएस का सेवक होने का फल बताया है। इस कदम के साथ भाजपा ने दलितों को भी साधने का एक उपाय निकाल लिया है। इनके अलावा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी बचपन में आरएसएस के सेवक रह चुके हैं।
वेंकैया नायडू के पक्ष में आपको बता दें कि इससे पहले वेंकैया नायडू मोदी सरकार में शहरी विकास मंत्रालय की अहम भूमिका निभा रहे थे। उन्हें स्मार्ट सिटी, शहरी विकास आदि का जिम्मा सौंपा हुआ था। अमित शाह जी के अनुसार वेंकैया नायडू ने पूरी ज़िन्दगी भाजपा की सेवा की है। इससे पहले वे आरएसएस के भी बतौर से सेवक रहे हैं। उनकी लगन का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अपने आरएसएस जीवन के दौरान वे संघ में ही रहते और सोते थे।
वेंकैया नायडू के उमीदवार चुने जाने पर उन्हें देश भर से बधाइयाँ आ रही हैं। तमिल नाडु और तेलंगाना की सरकार की और से उन्हें पुरे समर्थन का भी आश्वासन दिया है।