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    चीनी ध्वज

    अमेरिका और रूस के साथ परमाणु निरस्त्रीयकरण पर आयोजित त्रिपक्षीय वार्ता में शामिल होने की सभी संभावनाओं को खारिज कर दिया है। हाल ही में इसे डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रस्तावित किया था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि “चीन की तरफ से किसी के भी द्वारा किसी भी मुद्दे पर बोलने का हम विरोध करते हैं और हम परमाणु निरस्त्रीकरण के त्रिपक्षीय समझौते की वार्ता में शामिल नहीं होंगे।”

    डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के साथ परमाणु हथियार नियंत्रण संधि पर बातचीत का आयोजन करने का प्रस्ताव रखा था। इस वार्ता में चीन के शामिल होने की बात भी कही थी। रूस ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया था और अधिक जानकारी की मांग की थी।

    चीन ने स्पष्ट तौर पर सभी संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है। हाल ही अमेरिका और रूस ने शीत युद्ध के दौरान हुई इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी को रद्द कर दिया था। इस संधि का मकसद हथियारों पर नियंत्रण था। इस संधि पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचेव ने दस्तखत किये थे।

    दोनों पक्षों ने क्रूज और जमीन से लांच होने वाली 500 से 5500 किलोमीटर की रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल को ध्वस्त करने पर सहमति जाहिर की थी। हाल ही में अमेरिका ने शीत युद्ध के दौरान हुई ऐतिहासिक संधि आईएनएफ मिसाइल ट्रीटी को तोड़ दिया था। अमेरिका ने कहा कि रूस इस संधि का उल्लंघन करता है।

    हाल ही में अमेरिका ने कहा कि रूस निरंतर और सीधे तौर पर इंटरमिडीएट रेंज न्यूक्लियर संधि का उल्लंघन कर रहा है और मास्को पर वैश्विक सुरक्षा को अस्थिर करने का आरोप लगाया था। यह मिसाइल प्रणाली पारंपरिक और परमाणु जंग के लिए सक्षम है और यूरोप व एशिया के लिए सीधे तौर पर एक खतरे का प्रतिनिधित्व करता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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