विषय-सूचि
न्यूट्रॉन तारे क्या हैं? (Definition of Neutron Stars in Hindi)
न्यूट्रॉन तारे अंतरिक्ष में पाए जाने वाले वे तारे हैं, जिनका भार सूर्य से 1.4 गुना ज्यादा है। इनका निर्माण तब होता है जब कोई बहुत भारी तारा नष्ट हो जाता है।
सौर मंडल की मुकाबले इनका भार 10 से 29 गुना तक अधिक रहता है। इनका अपरियमय (incompressible) घनत्व की कारण प्रोटोन और इलेक्ट्रान मिलकर न्यूट्रॉन में बदल जाते हैं, इसी कारण इन सितारों को न्यूट्रॉन स्टार का नाम दिया गया। इनका घनत्व बहुत ज्यादा होता है। इनकी खोज 1930 की दशक में हुई थी।
न्यूट्रॉन तारे कैसे बनते हैं? (Formation of Neutron Stars in Hindi)
जब किसी तारे का भार उसके असली भार से 4 से 8 गुना तक बढ़ जाता है, तो एक सुपरनोवा प्रतिक्रिया के वजह से उसमे बहुत भारी विस्फोट होता है। इसके परिणामस्वरूप एक छोटा सा गोला बच जाता है जिसमे किसी न किसी प्रकार कि हलचल चालू रहती है। गुरुत्वाकर्षण इस वस्तु को उतनी जोर से दबा देती है कि प्रोटोन और इलेक्ट्रान फिर एक सतह मिलकर न्यूट्रॉन का निर्माण कर देते हैं, जिसके कारण इस तारे को न्यूट्रॉन स्टार कहा गया।
इनका व्यास 20 किमी तक रहता है और बहुत ज्यादा घने होने के कारण इनका भार कई बिलियन टन तक होता है। औसतन रूप से न्यूट्रॉन स्टार का घनत्व पृथ्वी की घनत्व से 2 बिलियन तक अधिक होता है।
जिस सुपरनोवा तारों की कारण इस तारे का जन्म होता है, उसके कारण ये तारे एक सेकंड में कई बार चक्कर मार लेते हैं और इनकी गति बहुत अधिक होती है। इस गति के कारण खगोल विज्ञानी इन तारों की चारों ओर का भाग आसानी से देख पाते हैं ।ये एक मिनट में 43,000 बार चक्कर काट लेते हैं, लेकिन कुछ समय बाद यह गति धीमी होती जाती है।
अगर कोई न्यूट्रॉन तारा बाइनरी स्टार प्रणाली का तारा रहा हो जो सुपरनोवा विस्फोट होने के बाद बच गया है, तो जिस तारे की ओर न्यूट्रॉन तारा परिक्रमा कर रहा है, उन दोनों तारों की बीच गुरुत्वाकर्षण बल की कारण भार की अदला बदली होती रहती है।
न्यूट्रॉन तारों की बारे में कुछ रोचक तथ्य (Interesting Facts About Neutron Stars in Hindi)
- बहुत अधिक घनत्व होने की कारण एक चम्मच न्यूट्रॉन स्टार का भार कई बिलियन टन तक रहता है।
- ये तारे अपनी ऊर्जा पल्स की रूप में छोड़ते हैं जिसको पल्सर कहा जाता है। इनकी खोज साल 1966 में हुई थी।
- इस प्रकार की पल्स सिग्नल नियमित रूप से धरती पर आती रहती हैं। पहले यह माना जाता था कि ये सिग्नल किसी परजीवी ग्रह से आ रही हो जहाँ जीवन होगा। लेकिन न्यूट्रॉन स्टार की खोज की बाद इसे खंडित कर दिया गया।
- यहाँ का मैग्नेटिक क्षेत्र बहुत शक्तिशाली है और अणुओं के संरचना को बिगाड़ने के लिए काफी है।
- शक्तिशाली मैग्नेटिक क्षेत्र होने के कारण इसकी सतह पर भूचाल आता रहता है, जिसे स्टारक़्वेक कहा जाता है। ये भूचाल 10,000 साल तक सक्रिय रह सकते हैं।
- जब कोई दो न्यूट्रॉन स्टार टकराते हैं, तो बहुत भयावह घटनाएं होती है। 15 किमी तक के व्यास की अगर दो न्यूट्रॉन स्टार टकराएं, तो इतना भारी विस्फोट होता है कि उससे एक ब्लैक होल का निर्माण संभव है ।
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Ek neutron taara ek jagah fix Kyu nahi rehta. Hai? Iske travel karne ki speed kitni hoti hai? Kya ye star light ki speed se bhi tez hote hain?
Neutron star supar Nova के कारण बनता हैं ओर सुपर नोवा स्टार के आंतरिक molecular force और स्टार की ग्रेविटी के क्रिया के विस्फोट से बनता है। विस्फोट होने के बाद भी स्टार की ग्रैविटी रहती होगी और न्यूट्रॉन तारे के केंद्र में अभी भी शायद क्रिया होती होगी जिससे न्यूट्रॉन स्टार अभी भी move करता रहता हैं
achi jaankaari hai
Neutron star me visfot me baad kya hota h
Strange let’s kya hote h
Neuron star kitne time tk zinda rh skta h
Akhir kyu bnta hai neutron star🌟
Sir ye neutron star ka gravitation kitna hota hai.
Electron aur proton neutron me kaise badal sakte hai jabki is tarah ki koi physical concept abhi tak possible nahi hain.