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    नेब्युला nebula in hindi

    विषय-सूचि

    नेब्युला क्या है? (what is nebula in hindi)

    नेब्युला अंतरिक्ष में पाए जाने वाले धूल और गैस के मिश्रण से से बने बादलों का समूह है। इस मिश्रण में हाईड्रोज़न, हीलियम एवं अन्य आयनित (ionized) गैस पाए जाते हैं।

    जब किसी नष्ट होते हुए तारे में विस्फोट होता है, तो उससे भी कुछ नेब्युला का निर्माण होता है। जब नए तारे बन रहे होते हैं, उससे भी कुछ नेब्युला का निर्माण होता है।

    नेब्युला की खोज किस प्रकार हुई? (How was Nebula discovered in Hindi)

    प्राचीन काल से ही कुछ खगोल वैज्ञानिकों ने नेब्युला के ऊपर अध्ययन शुरू क्र दिया था। 150 A.D साल में प्लोटमी नमक वैज्ञानिक ने अपने एल्मागेस्ट में पांच तारों का बारे में वर्णन किया था जोकि नेब्युला थे।

    फिर पर्शिया के एक वैज्ञानिक अब्द अल रेहमान अल सूफी ने साल 964 में अपनी किताब ओमीरन वेलोरूम नामक तारे के बारे में लिखा जोकि नेब्युला रूप में था – यह नेब्युला के होने का पहला प्रमाण था जिसे चीन के खगोल वैज्ञानिकों ने 1054 में सिद्ध कर के दिखाया।

    साल 1610 में फाब्री डे पियर्स ने होने टेलिस्कोप के द्वारा ओरियन नेब्युला की खोज की। इसके बाद दूसरे वैज्ञानिकों ने भी बहुत सारे नेबुलाओं की खोज की।

    नेब्युला का निर्माण (Formation of Nebula in Hindi)

    नेब्युला के बनने के विभिन्न तरीके हैं। कुछ नेब्युला उन गैसों के मिश्रण से बनते हैं जो पहले से ही इंटरस्टेलर माध्यम में हैं, जैसे कि ठन्डे एवं घने आवणिक बादल जब घनीभूत (condense) हो जाते हैं, तब नेब्युला का निर्माण संभव हैं।

    कुछ नेब्युला तारों के वजह से बनते हैं, जैसे कोई तारा अपने अंतिम क्षणों में होता है तो उसमे भयंकर विस्फोट होता है जिससे नेब्युला बनते हैं।

    नेब्युला में पाए जाने वाले धूल और गैस काफी दूर तक फैले हुए रहते हैं। फिर गुरुत्वाकर्षण के कारण वे एक दूसरे के नजदीक आकर पिंडों का निर्माण कर देते हैं । जैसे जैसे पिंडों का आकार बढ़ता जाता है, इनके बीच का खिंचाव भी तेज होता जाता है।

    नेब्युला के प्रकार (Types of Nebula in Hindi)

    बनावट के आधार पर नेब्युला के तीन प्रकार हैं:

    1) Diffuse Nebula

    ज्यादातर नेब्युला इस श्रेणी में आते हैं। ये फैलते रहते हैं और इनकी कोई निर्धारित सीमा नहीं होती। इनके भी तीन प्रकार हैं – emission नेब्युला, रिफ्लेक्टिव नेब्युला एवं डार्क नेब्युला।

    रिफ्लेक्टिव नेब्युला के चारों ओर सितारे मौजूद रहते हैं, जिनकी वजह से यह चमकीला प्रतीत होता है। डार्क नेब्युला डार्क मैटर से भरा हुआ रहता है और यहां का गुरुत्वाकर्षण बल काफी बलशाली होता है। emmison नेब्युला ल्युमिनस तरंग दैर्ध्य (wavelength) के द्वारा प्रकाशित होते हैं।

    2) प्लेनेटरी नेब्युला

    जब तारे विस्फोट के साथ नष्ट होने वाले रहते हैं, तब उन में जो गैस एवं धूल के मिश्रण बचे हुए रहते हैं, उसको प्लेनटोरी नेब्युला कहते हैं।

    इस स्थिति में उन तारों के अंदर हलचल चलती रहती है एवं उच्च घनत्व के कारण सफ़ेद ड्वार्फ का निर्माण हो जाता है। यह सफ़ेद ड्वार्फ बहुत गर्म होता है। आज से 12 बिलियन साल बाद सूर्य भी सफ़ेद ड्वार्फ में बादल जायगा।

    3) प्रोटोप्लैनेटरी नेब्युला

    यह उस प्रकार का नेब्युला है जो सितारों के निर्माण के समय विराजमान रहता है। इनका भार बाकि प्रकारों से काम रहता है और इनके अंदर से हाइड्रोजन गैस प्रवाहित होती है। कुछ समय बाद ये प्लैनेटरी नेब्युला में परिवर्तित हो जाते हैं।

    आप अपने सवाल एवं सुझाव निचे कमेंट बॉक्स में व्यक्त कर सकते हैं।

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