बैंक के कामकाज पर उचित नियंत्रण ना रख पाने का हवाला देते हुए सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक के दो कार्यकारी निदेशकों को बर्खास्त कर दिया है। यह बात उल्लेखनीय है की नीरव मोदी धोखाधड़ी से यह बैंक संबंधित है।
कौन हैं ये दो निदेशक ?
जिन दो कार्यकारी निदेशकों को उनके पद से बर्खास्त किया गया है वे के वी ब्रह्माजी राव और संजीव शरण हैं। वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, उनकी सेवाएं आधिकारिक रूप से 18 जनवरी से समाप्त कर दी गईं हैं।
क्या है इसका कारण :
के वी ब्रह्माजी राव एवं संजीव शरण को जो तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया गया है उसका कारण बैंक के कामकाज पर उचित नियंत्रण ना रख पाना माना जा रहा है।
उन पर आरोप लगाया जा रहा है की दोनों निदेशकों की प्रतिक्रया में खामियां देखी गयी थी। इसके साथ वे आरबीआई के हुक्म की भी अवहेलना कर चुके थे। इसके साथ ही वे बैंक के कोर बैंकिंग समाधान (CBS) प्रणाली के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक और SWIFT (सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन) को लिंक करने में असफल रहे थे।
राव को इस महीने सेवानिवृत्त होना था, जबकि शरण को इस साल मई में रिटायर होना था।
पीएनबी की पूर्व सीईओ को भी इसके चलते किया था बर्खास्त :
इन दो निदेशकों के अलावा नीरव मोदी मामले में सरकार ने पिछले साल अगस्त में उषा अन्नथसुब्रमण्यम को भी बर्खास्त कर दिया था। वे उस समय अलाहाबाद में बैंक में काम कर रही थी और वे इससे पहले पीएनबी की सीईओ भी रह चुकी थी। सरकार के अनुसार नीरव मोदी द्वारा की गयी धोखाधड़ी में उषा का भी हाथ था।
क्या है नीरव मोदी मामला ?
नीरव मोदी एक भारतीय व्यापारी है, जो 2010 में स्थापित ‘नीरव मोदी ग्लोबल डायमंड जेवेलरी हाउस’ के संस्थापक है।उसकी इस कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है। नीरव मोदी ‘क्रिस्टी’ और ‘सोथेबीस कैटलॉग’ पत्रिकाओं के कवर पर प्रदर्शित होने वाला पहला भारतीय जोहरी हैं।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में $1.8 बिलियन के एक धोखाधड़ी मामले में फिलहाल उस पर जांच चल रही है।नीरव मोदी को भारत सरकार ने 11000 करोड रु फ़्रॉड केस में भगोड़ा घोषित किया है। सीबीआई ने उसकी अहमदनगर की फैक्ट्री भी जब्त कर ली है।
इस मामले के उजागर होने से पहले ही नीरव मोदी ने अपने साथी के साथ यह काम करने से इनकार किया एवं भारत छोड़ दिया।