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    जिओ

    रिलायंस ने 2016 जिओ लांच किया है तभी से ही इसे भारत में ग्राहकों का समर्थन मिला है। शुरू में जिओ ने कुछ महीनों के लिए मुफ्त सेवाएं दी थी जिससे इसके ग्राहकों की संख्या में तेज़ वृद्धि हुई थी। तब से अब 2 साल बाद जिओ भारत की शीर्ष टेलिकॉम प्रदाताओं में अपनी उपस्थिति दर्ज कर चुकी है।

    जहां कुछ विशेषज्ञ मान रहे हैं की जल्द ही जिओ सभी टेलिकॉम प्रदाताओं को पछाड़कर शीर्ष पर आ जायेगी वहीँ कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं की ऐसा हो चूका है।

    जिओ की आय के आंकड़े :

    हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने चालु वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही की कमाई के आंकड़े जारी किये हैं। इसमें एक स्टेटमेंट जारी किया गया था जिसमे कहा गया था की रिलायंस की कुल आय में 18 प्रतिशत का योगदान अकेले जिओ का है। इससे हम समझ सकते हैं की इतने कम समय में यह कितने ग्राहकों तक पहुँच चुकी है एवं कितने बड़े पैमाने पर संचालित की जा रही है।

    जिओ ने क्या एयरटेल और वोडाफोन को छोड़ दिया पीछे ?

    31 दिसंबर को समाप्त हुई तिमाही टेलीकॉम फर्म के लिए दोहरे अंकों की क्रमिक वृद्धि की लगातार तीसरी तिमाही के रूप में चिह्नित हुई। जिओ ने दिसम्बर में ख़त्म हुई तिमाही में 10,383 करोड़ की आय के साथ भारती एयरटेल लिमिटेड के सितम्बर की भारत वायरलेस की आय को पीछे छोड़ दिया है।

    दिसंबर तिमाही के एयरटेल की आय के आंकड़े अभी तक जारी नहीं किये गए हैं। विश्लेषकों को उम्मीद है की इस तिमाही में ग्राहकों के घटने से एयरटेल का घाटा बढ़ने वाला है एवं यदि यह अनुमान सही हुआ तो इसका मतलब यह होगा की एयरटेल रह गयी है। यह सभी जानते हैं।

    लेकिन ऐसी स्थिति में एक विवादास्पद सवाल यह होगा की जिओ ने क्या वोडाफोन को भी पीछे छोड़ दिया है। वोडाफोन ने सितंबर तिमाही में 11,000 करोड़ की आय की घोषणा की थी। इसकी बहुत काम आशा है की उसकी इस तिमाही आय 8 प्रतिशत से ज़्यादा गिरेगी। लेकिन जिस गति से जिओ बढ़ रहा है, ऐसा लग रहा है की वोडाफोन के शीर्ष पर रहने की यह आखिरी तिमाही हो सकती है।

    टेलिकॉम प्रदाताओं की बाज़ार में हिस्सेदारी के आंकड़े :

    कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों के अनुसार, जिओ की सितंबर तिमाही में बाजार की हिस्सेदारी लगभग 31.4% थी, जो वोडाफोन आइडिया के 31.8% शेयर की तुलना में तनिक सी ही कम थी। यदि तीसरी तिमाही में वोडाफोन की आय में तेजी से बढ़ोतरी नहीं हुई होगी तो जिओ आसानी से आगे निकल गया होगा।

    अतः यह कहना गलत नहीं होगा की तीसरी तिमाही में जिओ टेलिकॉम बाज़ार में राज करने वाला है।

    जिओ का दुसरे प्रदाताओं पर असर :

    यह उल्लेखनीय है की जिओ ने अपनी शुरुआत के केवल दो सालों में टेलिकॉम बाज़ार में यह मुकाम हासिल किया है। यह रिलायंस की योजनाओं की सटीकता के बारे में बताता है। जिओ ने शुरुआत में मुफ्त डाटा एवं कालिंग सुविधा दी थी जिसके चलते इसके ग्राहकों का नेटवर्क तेज़ी से बढ़ा था।

    इसके बाद जब मुफ्त सेवाएं बंद हुई तब तक इसके करोड़ों नए ग्राहक आ चुके थे एवं इनमे से कई दुसरे टेलिकॉम प्रदाताओं जैसे एयरटेल एवं वोडाफोन की सुविधा छोड़कर जिओ प्रयोग करने लगे थे। मुफ्त सुविधाएं ख़त्म होने के बाद जिओ ने दुसरे प्रदाताओं से सस्ती सेवाएं देनी शुरू करी जिससे इसने और ग्राहकों को आकर्षित किया एवं एयरटेल एवं वोडाफोन के ग्राहक लगातार कम होते जा रहे हैं।

    वोडाफोन एवं एयरटेल ने खोए करोड़ों ग्राहक :

    हाल ही में पेश की गयी रिपोर्ट के अनुसार जिओ हर तिमाही औसत लगभाग 3 करोड़ नए ग्राहकों को जोड़ रही है। इसेक साथ ही एक और रिपोर्ट यह थी की अक्टूबर महीने में वोडाफोन एवं एयरटेल ने लगभग एक करोड़ ग्राहक खो दिए हैं। अतः इस बात पर कोई शक नहीं की ये ग्राहक इन सेवाओं को छोड़कर कहाँ गए।

    रिलायंस के शेयर में लगातार बढ़ोतरी :

    रिलायंस की नयी योजनाओं में निवेशकों का लगातार विशवास बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को रिलायंस के शेयरों में 4.5% की वृद्धि हुई, इससे जिओ के बढ़ते बाज़ार शेयर से निवेशकों का उत्साह साफ़ झलक रहा है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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