कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के गुजरात दौरे का आज आखिरी दिन था। अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने राज्य की सत्ताधारी भाजपा सरकार के साथ-साथ केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा। आज राजकोट में लोगों को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बुरी आदत यह है कि वह किसी की सुनते नहीं हैं। अगर वह लोगों की बातें सुननी शुरू कर दें तो देश की आधी समस्याएं अपने आप हल हो जाएंगी। उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नोटबंदी और जीएसटी को लागू करने जैसे फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी सलाह-मशविरे के लिए हैं। प्रधानमंत्री के इन फैसलों का खामियाजा आज देश भुगत रहा है और देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह हिल गई है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा की विचारधारा में बहुत अंतर है। भाजपा के पास अच्छे वक्त है लेकिन कांग्रेस के पास अच्छे श्रोता हैं। हमने लोगों की बातें सुनकर अपनी योजनाएं लागू की थी जिसकी वजह से जनता को कोई परेशानी नहीं हुई। वहीं भाजपा सरकार अपनी नीतियां देश के लोगों पर थोप रही है। अगरब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों की बातें सुनना शुरू कर दें तो नोटबंदी और जीएसटी की वजह से पैदा हुई आधी समस्यायों का हल निकल आएगा। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा कि हमेशा कहा जाता है कि कांग्रेस में अच्छे वक्त नहीं है। मैं इस बात को मानता हूँ लेकिन कांग्रेस नेता हमेशा ही अच्छे श्रोता रहे हैं। उन्होंने जनता की समस्याओं को सुना और फिर उनका निवारण करके बड़ी योजनाओं को लागू किया। कांग्रेस ने हमेशा देश की जनता के हित में काम किया है।
नोटबंदी से लगा था मनमोहन सिंह को सदमा
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा कि पिछले वर्ष दीवाली के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में नोटबंदी की घोषणा की तो भारत समेत पूरे विश्व के अर्थशास्त्रियों को झटका लगा था। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह को तो इस घोषण से सदमा सा लग गया था और वो कई दिनों तक इससे उबर नहीं पाए थे। उन्होंने तभी कहा था कि नोटबंदी का असर देश की अर्थव्यवस्था पर आएगा और विकास दर 2 फीसदी तक गिरेगी। उनकी यह भविष्यवाणी सही साबित हुई और आज देश की अर्थव्यवस्था ढ़लान पर है। राहुल गाँधी ने कहा कि छोटे और मझोले उद्योगों को प्रोत्साहन देकर रोजगार सृजन किया जा सकता है पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान सिर्फ बड़े उद्योगों की तरफ है।
राहुल गाँधी के तीन दिवसीय गुजरात दौरे का आज आखिरी दिन था। अपने दौरे के दौरान राहुल गाँधी ने सौराष्ट्र क्षेत्र का भ्रमण किया और आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सियासी जमीन तैयार की। पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने सौराष्ट्र आने पर राहुल गाँधी का स्वागत किया था और उनसे मुलाकात भी की थी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस को पाटीदार समाज का साथ मिल सकता है। अब यह तो वक्त ही बताएगा कि राहुल गाँधी के सौराष्ट्र दौरे के क्या सियासी मायने निकल कर आते हैं पर अगर कांग्रेस को हार्दिक पटेल का समर्थन मिलता है तो भाजपा के लिए गुजरात का सियासी रण जीतना और मुश्किल हो जाएगा।