Sat. Apr 27th, 2024

    स्वच्छ भारत अभियान को आज 3 साल पुरे होने जा रहे है। इस मौके पर पीएम मोदी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा है कि लोगो ने इस फैसले पर मेरी आलोचना की और कहा है कि हमारी 2 अक्टूबर कि छुट्टी ख़राब कर दी। मेरा स्वभाव है कि बहुत सी चीज़े झेलता रहता हूँ, झेलना मेरा दायित्व भी है।

    पीएम मोदी ने गाँधी जयंती के मौके पर विज्ञान भवन मे स्वछता पर बात करते हुए कहा कि मैं अपनी आलोचना झेलने की कैपेसिटी बढ़ा रहा हूँ। स्वछता पर उन्होंने कहा कि हम 3 साल से इस रास्ते पर इसलिए टीके रहे क्योंकि बापू ने जो कहा वो गलत हो ही नहीं सकता।

    आगे मोदी ने कहा कि स्वछता का ये सपना अगर 1000 महात्मा गाँधी आ जाये या 1 लाख नरेंद्र मोदी आ जाये, या सारे दल मिल जाए तो भी यह सपना पूरा नहीं हो सकता है। पर अगर सवा सौ करोड़ लोग स्वछता के लिए साथ आ जाये तो ये सपना अवश्य सफल होगा।

    आगे पीएम ने कहा कि अगले पांच सालो मे मीडिया उनकी तस्वीरें छपेगी जो इस अभियान का विरोध कर रहे है। आज ये स्वछता अभियान न बापू का रहा है ना भारत सरकार का रहा है न ही राज्य सरकार का रहा है आज ये सपना केवल भारत की आम जनता का है।

    मोदी ने आगे कहा कि सरकार स्वछता को लेकर डरी हुई रहती थी, अपनी जिम्मेदारी से भागती थी पर जब से स्वछता का अभियान चला है तब से स्वछता मे प्रतिस्पर्धा भी बढ़ी है। अलग-अलग शहरो मे अपनी रैंकिंग बढ़ने कि होड़ लगी हुई है। पहले दूसरे स्थान की होड़ लगी रहती है, इससे प्रशाशन के साथ-साथ जनता मे भी एक प्रतिस्पर्धा का उल्लास बना है।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि टॉयलेट बनते है पर उनको लोग काम मे नहीं लेते। गुजरात मे जितने टॉयलेट बनवाये थे, उनमे से अधिकतर मे बकरिया बंधी थी। ये काम सरकार के अलावा समाज का है ये ही बात स्कूल के लिए भी लागु होती है। समाज को जागरूक करना जरुरी है। स्वछता के लिए पीएम को बोलना पद रहा है इसका अर्थ है समाज मे कही न कही कोई कमी है। स्वछता के लिए फिल्मे बनाना, पेंटिंग बनाना, निबंध लिखना आज जरुरी है लोगो को हर प्रकार से जागरूक करना है।

    पीएम ने आगे कहा कि इस हालत को कौन दोषी है यह मे नहीं कहूंगा, पर इससे कैसे निपटा जायेगा ये पिछले 3 साल मे देशवासियो ने बताया कि हममे बदलने कि ताक़त है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक घर मे शौचालय बनाने से लगभग 50000 रूपये सालाना बचत की जा सकती है।

    पीएम ने अंत मे कहा कि जो देश मे बदलाव के लिए कुछ नहीं क्र सकते है उन्हें अपने घर और अपने आसपास स्वछता रखनी है उनके द्वारा किया गया ये कार्य किसी देशहित से कम नहीं होगा।