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    गंगा मिशन

    17 फरवरी को नरेन्द्र मोदी ने गंगा नदी को साफ़ करने के लिए एक और मिशन शुरू करने की घोषणा की और उसके लिए करोड़ों के आवंटन की भी साथ में घोषणा की है। बतादें की यह एक साल में ही दूसरी बार हो रहा है की इस नदी को साफ़ करने के लिए किसी नए मिशन का एलान किया है।

    गंगा नदी को साफ़ करने के लिए अब नरेन्द्र मोदी पूर्णतया निर्धारित हो गए हैं और इसी के चलते उन्होंने 17 फरवरी को एक नया मिशन जिसका नाम नमामि गंगे रखा गया है, लांच किया है। बतादें की गंगा को साफ़ करने के प्रयत्न 1979 से ही शुरू किये जा चुके थे जब समकालीन प्रधानमंत्री राहुल गाँधी ने गंगा एक्शन प्लान लांच किया था। हालांकि यह योजन कुछ ख़ास असर नहीं दिखा पायी थी।

    नमामि गंगे के बारे में पूरी जानकारी :

    नरेन्द्र मोदी द्वारा लांच की गयी यह योजना नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) के तहत शुरू की गयी है। इस योजना के अंतर्गत गंगा नदी को साफ़ सुथरा रखने के लिए करीब 452.24 करोड़ रूपए गंगा में बहाए जा रहे दूषित पानी को रोकने के लिए खर्च किये जायेंगे।

    इससे करीब 670 मिलियन लीटर गन्दा पानी गंगा में जाने से बचेगा। इसके साथ ही नए घाटों, सैर, सामुदायिक-सांस्कृतिक केंद्र आदि के निर्माण में पटना रिवरफ्रंट को बेहतर बनाने के लिए 243.27 रुपये निर्धारित किए गए हैं।

    पिछली योजनाओं की जानकारी :

    यह उल्लेखनीय है की गंगा नदी को साफ़ रखने की यह कोई पहली योजना नहीं है। इसके लिए सबसे पहले जून 14, 1979 को प्रधानमंत्री राजीव गाँधी द्वारा गंगा एक्शन प्लान लांच किया गया था जिसका लक्ष्य भी यही था। इसके लिए कुल 350 करोड़ आवंटित किये गए थे गंगा को पहले जैसा स्वच्छ बनाना इसका लक्ष्य था।

    लेकिन इस योजना के अंतर्गत कार्य शुरू किया गया लेकिन यह कोई बड़ी सफलता दर्ज नहीं कर पायी। वर्ष 1993 में गंगा एक्शन प्लान का विस्तार किया गया जिसके अंतर्गत गंगा की 4 प्रमुख सहायक नदियाँ जोकि यमुना, गोमती, दामोदर और महानंदा हैं, उन्हें भी साफ़ किया जाना था।

    लेकिन गंगा एक्शन प्लान ज्यादा असर नहीं दिखा पायी और यह 20 सालों में 4000 करोड़ से ज्यादा खर्च नहीं कर पायी है। इसके बिलकुल विपरीत मोदी सरकार द्वारा शुरू की गयी NMCG योजना द्वारा कुछ ही वर्षों में 5650 करोड़ रूपए खर्च किये जा चुके हैं।

    गंगा के वर्तमान हालत :

    गंगा में वर्तमान में एक बड़े स्तर पर प्रदुषण किया जा रह है जिसमे उद्योग और नगर पालिका द्वारा अपशिष्ट डालने में योगदान किया जा रहा है। इस पूरे प्रदुषण में से जहा नगर पालिका कुल में से 80 प्रतिशत प्रदुषण कर रही है वहीँ गंगा के आसपास के उद्योग उसके कुल प्रदुषण का 20 प्रतिशत योगदान दे रहा है।

    https://www.youtube.com/watch?v=xU1uMWiaOww

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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