गोवा के बंदरगाह मंत्री माइकल लोबो ने शनिवार को मांग की कि दुष्कर्म और हत्या के दोषियों को किसी सार्वजनिक स्टेडियम में फांसी दी जानी चाहिए, ताकि इस तरह के जघन्य अपराध करने वालों को एक मजबूत संदेश मिल सके। लोबो ने यहां पत्रकारों से बातचीत में तेलंगाना में दुष्कर्म व हत्या के चार अभियुक्तों के विवादास्पद एनकाउंटर पर टिप्पणी की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से कानून में आवश्यक संशोधन लाने का आग्रह किया, ताकि इस तरह के अपराध करने वालों को सार्वजनिक तौर पर फांसी दी जा सके।
लोबो ने कहा, “इस तरह के अपराधियों के लिए न हमारे समाज में जगह है, बल्कि जेल में भी जगह नहीं होनी चाहिए। संसद द्वारा भारतीय दंड संहिता में संशोधन किए जाने की आवश्यकता है।”
उन्होंने कहा, “(मुकदमे के लिए) अधिकतम समय पांच महीने होना चाहिए। भारत में या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुछ स्थानों पर ब्रिटिश शासन से पहले सार्वजनिक फांसी अस्तित्व में थी। हत्या के साथ दुष्कर्म जैसे अपराधों में यही सजा होनी चाहिए। एक बार दोषी पाए जाने पर अभियुक्त को स्टेडियम में फांसी दी जानी चाहिए।”
लोबो ने कहा कि सार्वजनिक फांसी उस तरह के पुरुषों के लिए एक मजबूत संदेश होगा, जो सोचते हैं कि कानून उन्हें छू नहीं सकता है।
मंत्री लोबो ने केंद्र सरकार से एक संशोधन लाने का भी आग्रह किया, जिससे दुष्कर्म और हत्याओं के लिए सार्वजनिक फांसी दी जा सके।