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    शिव नादर दिल्ली

    जब भारत देश में सफल और अमीर व्यक्तियों की चर्चा हो, और देश की राजधानी दिल्ली की बात ना हो, ऐसा हो ही नहीं सकता है। अमीरों और सफल उधोगपतियों के लिए दिल्ली सबसें ज्यादा प्रसिद्ध है। दिल्ली शहर में सफल व्यापार मालिकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

    सालों से दिल्ली को व्यापार और छेत्रों में समृद्ध बनाने के लिए काफी लोगों का योगदान रहा है। आज दिल्ली विश्व के सबसे तेजी से विकास करने वाले शहरों में शुमार हैं। दिल्ली में हर रोज सैकड़ों नए व्यापार बनते और बिगड़ते हैं।

    इस लेख के जरिये हम दिल्ली के सबसे अमीर लोगों के बारे में चर्चा करेंगे। इस सूचि में दिए गए सभी आंकड़े हाल ही में जारी की गयी रिपोर्ट से लिए गए हैं।

    1. शिव नादर

    शिव नादर

    कुल संपत्ति – 12.8 अरब अमरीकी डालर (80 हजार करोड़ रूपए)

    ‘शिव नादर’ तकनीकी के क्षेत्र में जाना-माना नाम है, जो कि ना सिर्फ दिल्ली में ही प्रसिद्ध है बल्कि कई देशों में पहचाना जाता है। शिव नादर का जन्म 14 जुलाई 1945 को हुआ था। कम उम्र में ही नादर ने अपना करियर पुणे में वॉलचंद ग्रुप कूपर इंजीनियरिंग के साथ शुरू किया था। इसके बाद 1967 में उन्होंने सात साथियों के साथ मिलकर माइक्रोकॉप कंपनी बनाई और उसे बाद में टेलीडिजिटल कैलकुलेटर को बेच दिया था। आगे चलकर शिव नादर भारत देश की बहुराष्ट्रीय कंपनी एचसीएल के संस्थापक और सीईओ बने। शिव नादर ने एचसीएल कंपनी की स्थापना 1970 के दशक की शुरूआत में की थी। नादर ने अपनी मेहनत और लगन के बल पर एचसीएल कंपनी को शिखर पर पहुंचा दिया। आज भी एचसीएल भारतीय आईटी हार्डवेयर कंपनी और उधोगों में से टॉप पर है।

    शिव नादर को लगातार देश के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में रखा गया है। 2008 में उन्हें आईटी के क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया। साथ ही मद्रास यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि भी दी। इस वक़्त नादर की सम्पत्ति की बात करें, तो नादर की संपत्ति 14 अरब डॉलर है जिससे वे देश के चौथे सबसे अमीर शख्स कहलाते है।

    1. सुनील मित्तल

    सुनील मित्तल

    कुल संपत्ति – 7.7 बिलियन अमरीकी डालर (46 हजार करोड़ रूपए)

    सुनील भारती मित्तल का नाम भी भारत के अमीर उधोगपितयों की सूची में शुमार है। सुनील मित्तल का जन्म 23 अक्टूबर 1957 को पंजाब के लुधिआना ज़िले में हुआ था। उनके पिता सतपाल मित्तल राजनेता थे, जो दो बार लोकसभा से और एक बार राज्य सभा से सांसद रह चुके थे। सुनील ने 18 साल की कम उम्र में ही व्यापार की शुरूआत कर कर दी थी।

    उन्होंने अपना पहला व्यापार अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर एक छोटा साइकिल का व्यापार 20 हजार रूपयों से किया, पर उसमें वे ज्यादा सफल नही हुए। लेकिन अब, सुनील मित्तल एक भारतीय उधोगपति के साथ-साथ एक समाजसेवी और भारत के सबसे बड़े टेलीकॉम कंपनी एयरटेल के चैयरमैन है। सुनील मित्तल की कंपनी भारतीय एयरटेल दुनिया की सबसे बड़ी टेलीफोन कंपनियों में से एक है। जिसका व्यापार एक नहीं, दो नहीं बल्कि 19 देशों में फैला हुआ है। वर्षों से उन्होंने आयात-निर्यात, विद्युत भागों, मोबाइल फोन व्यवसाय, फैक्स मशीन आदि जैसे विभिन्न उद्यमों पर अपना हाथ डाला और सफल रहें। 2007 में भारत सरकार ने सुनील मित्तल को पद्म भूषण से सम्मान किया ।

    1. कुशल पाल सिंह

    कुशल पाल सिंह

    कुल संपत्ति – 5.6 अरब अमेरिकी डॉलर (34 हजार करोड़ रूपए)

    के. पी. सिंह, जिनका पूरा नाम कुशल पाल सिंह है, उधोग जगत का जाना- माना नाम और चेहरा है। के. पी. सिंह ने भारत की सबसे बड़ी रियल्टी कंपनी डीएलएफ की स्थापना की थी। सिंह वर्तमान में डीएलएफ लिमिटेड़ के अध्यक्ष और मुख्य अधिकारी है। डीएलएफ आज बिक्री, राजस्व और पूंजी के मामले मे दुनिया की सबसे बड़ी रियल्टी कंपनी है। डीएलएफ लिमिटेड के पास 10,500 एकड़ जमीन का भूमि बैंक है, जिसमें से करीब 3000 एकड़ का शहर शामिल है।

    के. पी. सिंह का जन्म 15 अगस्त 1931 में जाट जमींदार परिवार में हुआ था। स्नातक की शिक्षा यूपी के मेरठ कॉलेज से ग्रहण की। उसके बाद एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का अध्ययन करने ब्रिटेन गए। ब्रिटेन अधिकारी सेवा चयन बोर्ड में नौकरी भी प्राप्त की लेकिन के. पी. सिंह ने कुछ दिनों में नौकरी से त्याग पत्र दे दिया और फिर एक अमेरिकी बिजली कंपनी के साथ अपने करियर की शुरुआत की । के.पी सिंह को  उनके जीवन में कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है, जिसमें 2010 में पद्म भूषण पुरस्कार भी शामिल है।

    1. ओ पी जिंदल और सावित्री जिंदल

    सावित्री जिंदल

    कुल संपत्ति – 5.2 अरब अमेरिकी डॉलर (33 हजार करोड़ रूपए)

    जिंदल परिवार की गिनती देश के सबसे अमीर परिवारों में होती है। ओ. पी. जिंदल का जन्म अगस्त 1930 में हुआ था। जिंदल एक भारतीय उद्यमी है, जिन्होंने जिंदल संगठन के प्रमुख के तहत जिंदल स्टील और बिजली की स्थापना की है। जिंदल ग्रुप की नींव ओ.पी जिंदल ने ही रखी थी। एक हेलिकॉप्टर क्रैश में ओ पी जिंदल की मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद उनके चार बेटों पृथ्वीराज जिंदल, सज्जन, रतन और नवीन जिंदल ने उनके व्यापार को आगे बढ़ाया।

    ओ पी सिंह की मौत के बाद उनकी पत्नी सावित्री जिंदल कंपनी की अध्यक्ष बनी और कंपनी को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए हर कठिन संभव प्रयास किया। आज सावित्री जिंदल भारत की सबसे अमीर महिला हैं और दुनिया में 7 वीं सबसे अमीर मां हैं। भारतीय राजनीति में भी सावित्री जिंदल की सक्रियता रही और वो हिसार से संसद की सदस्य बनी। फोर्ब्स द्वारा किए सर्वे में जिंदल परिवार की कुल सम्पत्ति 4.1 बिलियन डॉलर (करीब 2987 करोड़ रुपए) बताई गई है।

     

    1. बी एम मुंजाल

    बी एम मुंजाल

    कुल संपत्ति – 4 अरब अमेरिकी डॉलर (25 हजार करोड़ रूपए)

    बी.एम. मुंजाल का पूरा नाम बृजमोहन लाल मुंजाल है। मुंजाल भारत के बड़े व्यापार के मालिक थे जिन्होंने हीरो समूह की स्थापना की थी। उन्होंने हीरो साइकिल के नाम के तहत साइकिल निर्माण के द्वारा अपने करियर की शुरूआत की। दुनिया में सबसे ज्यादा साइकिल की संख्या का निर्माण करने के लिए बी एम मुंजाल का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था।

    उन्होंने 1984 में हीरो होंडा नाम से कंपनी की शुरुआत की, इसके तहत उन्होंने मोटर साइकिल और मोपेड़ का निर्माण करना शुरू कर दिया। उनकी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने साल 2013 में 5 करोड़ बाइक और मोटर बाइक को बनाया। भारतीय व्यापार उद्योग को बढ़ावा देने के प्रति उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने साल 2005 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मान दिया । 2015 में बी. एम .मुंजाल इस दुनिया को अलविदा कह गये।

     

    ऊपर दिए गए सभी आंकड़े साल 2017 में जारी रिपोर्ट के अनुसार हैं। इन आंकड़ों में बदलाव होने पर यहाँ भी बदलाव किये जाएंगे। किसी प्रकार के संपादन के लिए आप कमेंट में हमसे संपर्क कर सकते हैं।