तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान में इंटरनेशनल कमिटी ऑफ़ रेड क्रॉस पर थोपे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है। इस प्रतिरोध की शुरुआत इस साल अप्रैल में हुई थी। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि “आईसीआरसी मानवीय सहायता के पुराने समझौते के नए वादों पर अमल कर सकती है और उन सहायता कर्मचारियों को उनकी गतिविधियों को बहाल करने की इजाजत दे दी गयी है।”
काबुल में आईसीआरसी के प्रमुख जुआन पेड्रो ने कहा कि “हम अपने मानवीय सिद्धांतो की जानकारी और सुरक्षा गारंटी को दोबारा बनाने का स्वागत करते हैं।” अप्रैल में तालिबान में आईसीआरसी को विभिन्न इलाके में संचालन कर्नसे से रोक दिया था। साथ ही बेख़ौफ़ घूमने की गारंटी को भी वापस ले लिया था।
शुरुआत में तालिबान ने आईसीआरसी पर दवाई पिलाने के अभियान के दौरान संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप लगाया था और अफगानिस्तान के कैदखानो की स्थिति पर नजर रखने में नाकाम और तालिबानी कैदियों को मीडिया सहायता मुहैया न करने का आरोप लगाया था।
आईसीआरसी जंग के मैदानों से शवो को लाने और ट्रासपोर्ट करने में मदद मुहैया करती है और संघर्ष के दोनों पक्षों के कैदियों तक परिवार की मुलाकात का इंतजाम करती है और स्वास्थ्य सुविधाए मुहैया करती है। रेड क्रॉस के मुताबिक, बीते वर्ष अफगानिस्तान के सात पुनर्वास केन्द्रों में अनुमानित 140000 लोगो को इलाज की सुविधा दी गयी है।