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    जावेद जरीफ

    ईरान के विदेश मन्त्री जावेद जरीफ ने रविवार को अमेरिका की निंदा की क्योंकि वह सऊदी के तेल उत्पादक सेक्टर में हमले के लिए तेहरान को कसूरवार ठहरा रहा है। उन्होंने कहा कि “सबके लिए ईरान को जिम्मेवार ठहराकर अमेरिका यमन में संघर्ष को खत्म करने में असक्षम है।”

    सऊदी पर हमले के पीछे ईरान

    जावेद जरीफ ने ट्वीट कर कहा कि “अधिकतम दबाव की नीति में नाकाम होकर, सचिव पोम्पियो ने इसे अधिकतम छल में परिवर्तित कर दिया है। अमेरिकी सहयोगी यमन की जंग में इस कल्पना के कारण फंसे हुए हैं कि हथियार सर्वोच्चता से सैन्य जीत हासिल की जा सकती है। ईरान पर आरोप लगाकर इस आपदा से नहीं बचा जा सकता है। शायद अप्रैल 2015 के हमारे प्रस्ताव को स्वीकार करके और वार्ता शुरू कर यह संभव है।”

    ईरान के विदेश मन्त्री ने अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियो के बयान को ख़ारिज कर दिया था। पोम्पियो ने सऊदी पर हुए ड्रोन हमले के पीछे ईरान का हाथ होने का आरोप लगाया था।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक अब्बास मौसावी ने कहा कि “अमेरिका की अधिकतम दबाव की नीति नाकाम होने के कारण अब अधिकतर झूठो में परिवर्तित हो गयी है।” सऊदी की दो तेल उत्पादन इलाकों में शनिवार को ड्रोन से हमला किया गया था। यमन के हौथी विद्रोहियों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।

    सऊदी अरामको राज्य द्वारा संचालित और नियंत्रित कंपनी है, इसके अधिकतर भाग पर सल्तनत के रिफाइनरी प्रोडक्शन और आयलफील्ड का अधिकार है। रेवेन्यू के मामले में यह वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है और विश्व की सबसे अधिक मुनाफा देने वाली कंपनी है।

    पश्चिम समर्थित सुन्नी मुस्लिम गठबंधन सऊदी अरब और यूसी ने यमन में साल 2015 में दखल दिया था।, ताकि अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त यमन की सरकार को वापस सत्ता पर बैठाया जा सके। हौथी विद्रोहियों का देश के अधिकतर भागो पर नियंत्रण है।

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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