विषय-सूचि
डार्क मैटर क्या हैं? (what is dark matter in hindi)
ब्रह्माण्ड का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा ऐसे पदार्थों से बना हुआ है, जिनका वैज्ञानिक अवलोकन नहीं कर पाते जिसे डार्क मैटर कहा जाता है। यह ऊर्जा या रौशनी प्रतिबिंबित नहीं करता। यह कहाँ पायी जाती हैं, यह पता लगना मुश्किल है, लेकिन वैज्ञानिक ऐसा कहते हैं कि तारों की गति से इनकी स्थिति का पता लग सकता है।
सन्न 1950 से जब दूसरे आकाश गंगाओं पर अध्ययन चालू हुआ तो वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की कि ब्रह्माण्ड में बहुत मात्रा में ऐसे पदार्थ मौजूद हैं जिन्हे खुली आँखों से देख पाना मुश्किल है। इस तरह से डार्क मैटर के सिद्धांत का अवलोकन चालू हुआ।
पीटर वन डोककुम नामक येले यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने एक टीम कि मदद से ड्रैगनफ्लाई 44 नामक आकाश गंगा का खोज किया जोकि पूरी तरह से डार्क मैटर से भरा हुआ है।
डार्क मैटर और डार्क एनर्जी (dark matter and dark energy in hindi)
डार्क मैटर एक ऐसा विषय है जिसके बारे में वैज्ञानिकों को अभी तक पूरी जानकारी नहीं मिली है। ऐसा माना जाता है कि हमारा ब्रह्माण्ड बाईरोनिक पदार्थों से मिल के बना है, किन्तु डार्क मैटर के सन्दर्भ में ऐसा कहा जाता है कि ये कैसे बने, इनका अनुमान लगाना मुश्किल है। इनके गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही इनकी उपस्थिति होने का अनुमान लग सका है।
डार्क मैटर की खोज (discovery of dark matter in hindi)
सन्न 1950 एवं 60 के दशक में जब वैज्ञानिकों ने स्पाइरल आकाश गंगाओं के परिक्रमा पथ का माप लेना शुरू किया, उन्हें उम्मीद थी कि आकाश गंगा के बीच में तारे मिलेंगे।
किन्तु उन्होंने पाया कि वहाँ जो दृश्य मैटर थे वो सतह पर सकेंद्रित थे एवं उनकी गति तारों के मुकाबले कई गुना तेज थी। वे अलग अलग दिशाओं में बहते हुए प्रतीत हो रहे थे। इससे वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि आकाश गंगा में उस जगह पर कोई ऐसा पदार्थ मौजूद है जोकि अदृश्य है, जिसे डार्क मैटर का नाम दिया गया।
डार्क मैटर का मापकरण (measurement of dark matter in hindi)
जैसे जैसे वैज्ञानिकों को डार्क मैटर के बारे में सुराग मिलते रहे, उसके आधार पर उन्होंने कंप्यूटर कि मदद से इसके मॉडल तैयार करने शुरू किए। उन्होंने इस बात का अवलोकन किया कि बाईरोनिक मैटर और डार्क मैटर किस प्रकार एक साथ मौजूद रहेंगे । इस जानकारी के आधार पर कंप्यूटर द्वारा मॉडल तैयार किया गया।
इस अनुकरण के आधार पर यह कहा गया कि डार्क मैटर एक जाल में गुंथे हुए चीज जैसा है जो सामान्य रूप से पाए जाने वाले पदार्थों के साथ घुला मिला हुआ है। कुछ जगहों पर वह गांठ के तरह एकत्रित हुए दिखाई देता है।
एक और तरीका है जिसे गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग कहा जाता है, जिसके मदद से वैज्ञानिक डार्क मैटर का और सटीक रूप तैयार करने में लगे हुए हैं।
डार्क मैटर के पदार्थों की पहचान (dark matter constituents in hindi)
ज्यादातर वैज्ञानिक अब डार्क मैटर की उपस्थिति की बात को स्वीकारने लगे हैं। इसके आधार पर वैज्ञानिकों ने एक खोज की है जिसे उन्होंने Massive Compact Halo Object (MACHOs) का नाम दिया है। MACHOs एक प्रकार के भरी पिंड हैं जोकि आकाश गंगा के प्रभामंडल में निवास करते हैं।
लेकिन इनका खोज करना बहुत मुश्किल है क्योंकि इनकी चमक बहुत कम होती है। उदाहरणस्वरूप ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे, भूरे ड्वार्फ इत्यादि। फिर भी MACHOs डार्क मैटर के होने का पूरे तरह से होने का सबूत देने में अक्षम हैं।
इसी तरह कई प्रकार के थ्योरी हैं जो डार्क मैटर के होने का सबूत देते रहते हैं।
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Hiiii
Mera naam Akash h !
Dark matter ke bare me padhkar mujhe acha laga
Mujhe yeh puchna h ki dark matter or dark energy me Kya difference h?
kyaa dark matter kaa maapkaran possible hai ise kaise measure kiyaaa jaata hai?
Gravitation Lansing see dark matter ki scaling kaise ki jaati hai? Dark matter ka gravitation se Kya sambandh hai?
Hii mera nam sargam hai
Mera saval yeh hai ki
Agar dark matter ko gravitational force lagta hai to wah bhi bhi kisi ki parikrma karta hoga n…
Sceince is unable to explain Atoms which are source of Univers. Science explain it as made of protons, electrons and neutrons.Sceince unable to explain why electron has unit mass and negative charge and proton which is 1836 times bigger by mass has only unit positive charge ? Why electron and proton are compare togather in formation of Atom ? why in the formation of Atom, electron and positron are not compared togather ,which are equal in mass and electric charges ? If it was supposed that smallest particle of element are 1electon _2neutrino_1 positron. We know that electron and positron are electrically opposit charges and when they met , electron and positron brust. It naturelly happend. If electron and positron meet togather with such mechanic that electron and positron could not touch each other by neutrino particles.These four particles 1electon _2neutrino_1 positron. meet and combined with such mechanics that they could not brust;but they formed neutural combination 1electon _2neutrino_1 positron. This combination are responsible for all known tiny particles like all Mesons, This combination has two unit of mass equivellent HIGS BOSON. Hens, I rquest all scientists of India to think on this line that all matters of univers are made off this tiny combination 1electon _2neutrino_1 positron. Originally these tiny particles produced in stars where Fissons are take places when Hydrogen Atoms brust and forms Hellium Atom and some mass of Hydrogen atom conoverted into light and heat.These tiny particles travell in sky as light and heat . In the sky when speed of light becomes zero, these tiny partcles converted in to mass. These tiny particles Mass are supposed as Dark Matter.These tiny particles are later formed elements.