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डार्क एनर्जी वास्तव में क्या है, इसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता। बस इतना कह सकते हैं कि अंतरिक्ष का तीन चौथाई हिस्सा डार्क एनर्जी से बना हुआ है।
यह एक प्रकार की रहस्यमयी शक्ति है जिसपर यह अंतरिक्ष टिका हुआ है। वैज्ञानिकों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि इसका उद्गम कहां से होता है या इसका स्रोत क्या है।
Einstein के फार्मूला e=mc2 के आधार पर यह माना जाता है कि मैटर और ऊर्जा को आप बदल नहीं सकते हैं। इससे यह सवाल उठता है कि अगर हर ऊर्जा का निर्माण किसी पदार्थ या दूसरे ऊर्जा श्रोत से होता है तो डार्क एनर्जी कहाँ से पनपना चालू होती है।
डार्क एनर्जी पर किये गए शोध (Research on energy in Hindi)
1929 में एडविन हब्बल ने नष्ट होते हुए तारों जो सुपरनोवा में बदल जाते हैं, उनपर अध्ययन किया जिससे यह पता लग सके कि ब्रह्माण्ड कितना फ़ैल रहा है।
तब से वैज्ञानिक इस बात के शोध पर भी लग गए कि यह कितनी जल्दी फ़ैल रहा है या किस गति से फ़ैल रहा है। इस बात से सभी लोग परिचित थे कि गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण सभी पदार्थ एक तरफ खींचे चले आ जाते हैं। इसके बाद यह सवाल उठा कि इस प्रतिक्रिया की गति दर कितनी है?
साल 1990 में कुछ अन्य वैज्ञानिकों ने भी इस प्रतिक्रिया पर अध्ययन शुरू किया। उन्होंने पाया कि ब्रह्माण्ड का फैलाव बहुत ही तेजी से बढ़ रहा था, जिसके बारे में यह बोला गया कि कोई ऐसी चीज है जो गुरुत्वाकर्षण शक्ति को प्रभावहीन कर रही थी, इसको वैज्ञानिकों ने डार्क एनर्जी का नाम दिया।
वैज्ञानिकों ने इस बात को माना कि गुरुत्वाकर्षण को काबू करने में जितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है, उसके आधार पर 68 प्रतिशत अंतरिक्ष डार्क एनर्जी से बना हुआ है, बाकि 25 प्रतिशत डार्क मैटर से और बाकि जो बचे पांच प्रतिशत, उसके बारे में वैज्ञानिक अच्छे से जानते हैं।
सार (Essence of Dark energy in Hindi)
डार्क एनर्जी के बारे में शोध करने से वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष एवं ब्रह्माण्ड के बारे में नई नई चीजों का पता चल पा रहा है। इस रहस्यमयी भाग की विशेषताओं के बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता।
कुछ अन्य शोधों से यह पता चला है कि ब्रह्माण्ड के निर्माण के समय से ही डार्क मैटर का प्रभाव सतत (constant) रहा है। अंतरिक्ष में कई अजीब लगने वाली वस्तुओं को आधार बना कर वैज्ञानिक डार्क मैटर की विशेषताओं को समझने में लगने हुए हैं।
कुछ वैज्ञानिक ऐसा मानते हैं कि अंतरिक्ष बदलते हुए ऊर्जा क्षेत्रों से भरा हुआ है जिसे quintessence नाम दिया गया है। दूसरी तरफ कुछ शोधकर्ता अभी भी यह समझने में लगे हुए हैं कि यह कार्य कैसे करता है। लेकिन ज्यादातर शोधकर्ता इस बात पर मुहर लगाते कि डार्क मैटर अंतरिक्ष की एक विशेषता है।
Einstein पहले ऐसे वैज्ञानिक थे जिन्होंने यह कहा था कि अंतरिक्ष खाली तो बिलकुल नहीं है। इस बात का यह आधार निकाला गया कि अंतरिक्ष की अपनी एक शक्ति है जो डार्क एनर्जी है। जैसे जैसे अंतरिक्ष में और ज्यादा चीजों की खोज होगी, और मात्रा में डार्क एनर्जी सामने आते रहेंगे।
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Dark matter hamaare universe me kaha konse planets par paaya jaata hai? Ye originate kab or kaha hua tha or iske Kya effects hote hain?
I have a technic to know about creation ” ELMS” is the tech