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    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प

    अमेरिका ने ईरान के साथ परमाणु संधि तोड़कर, तेहरान पर प्रतिबन्ध लगा दिए थे और चेतावनी दी थी कि 5 नवम्बर से शुरू होने वाले दूसरे चरण के प्रतिबन्ध अधिक भयावह होंगे। हालांकि अमेरिका के इस ऐलान से ईरान के साथ सौदेबाजी करने वाले भारत समेत कई देशों का सर दर्द बढ़ गया था लेकिन अमेरिका ने रियायत का बाम देकर उन राष्ट्रों को फौरी राहत दे दी है।

    अमेरिका ने ऐलान किया कि भारत समेत आठ देशों को कुछ शर्तों के साथ ईरान से तेल आयात करने में रियायत बरती जाएगी। अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने कहा कि हम आठ देशों को ईरान से तेल आयात करने में फौरी राहत देंगे बशर्ते वे ईरान से तेल आयत शून्य करने की दिशा में अग्रसर हों। उन्होंने कहा कि अन्य राष्ट्रों के साथ और कैबिनेट में बातचीत जारी है, आठ में से दो राष्ट्रों को समझौते के मुताबिक ईरान से तेल खरीदना शून्य करना होगा। उन्होंने कहा कि बाकी शेष छह बहुत निम्न स्तर पर तेल का आयात जारी रखेंगे।

    माइक पोम्पेओ ने कहा कि अमेरिका जिन देशों को रियायत दे रहा है, उन्हें आगामी छह महीनों में ईरान से तेल खरीदना बिलकुल बंद करना होगा। उन्होंने कहा कि बातचीत प्रक्रिया जारी जारी है, इसलिए अभी उन देशों के नामों का ऐलान नहीं किया जायेगा।

    सूत्रों के मुताबिक भारत उन आठ सदस्यों में से एक है, जिसे अमेरिका रियायत बरतेगा। अमेरिका के ईरान पर प्रतिबन्ध सोमवार को लागू हो जायेंगे लेकिन भारत के पास अभी कोई अधिकारिक सूचना नहीं आई है। एक अधिकारी ने बताया कि निसंदेह भारत उन आठ राष्ट्रों में से एक है, हालांकि अभी सब अमेरिका के अधिकारिक ऐलान का इंतजार कर रहे हैं।

    तुर्की ने जानकारी दी कि वह उन आठ देशों में से एक है, इसके आलावा ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक जापान और दक्षिण कोरिया भी उन आठ देशों की फेरहिस्त में शामिल है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने ईरान पर प्रतिबंधों के इजहार गेम ऑफ़ थ्रोनेस के पोस्टर की तरह किया है।

    https://twitter.com/realDonaldTrump/status/1058388700617498625

    व्हाइट हाउस में ट्वीट कर बताया कि ईरान से जो प्रतिबन्ध परमाणु संधि मुक्कमल होने पर हटाये गए थे, वो दोबारा 5 नवम्बर को लागू हो जायेंगे। बता दें कि चीन के बाद भारत ईरानी तेल का सबसे बड़ा आयातक है। अमेरिका ने भारत को प्रति माह 1.5 मिलियन टन और प्रतिवर्ष 15 मिलियन टन तेल का आयत करने ही अनुमति दी है।

    सितम्बर में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पेओ के मध्य हुई 2+2 वार्ता के दौरान अमेरिका ने भारत को समझाया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था को हानि पहुंचाने का उनका कोई मकसद नहीं है। हालांकि उन्होंने संकेत दिए थे कि भारत को प्रतिबंधों में रियायत दी जाएगी।

    गुरूवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिका को हमने अपनी स्थिति से अवगत करा दिया है, ईरान और वांशिगटन के साथ बातचीत जारी है। भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है।

    अमेरिका ने इससे पूर्व ईरान पर 2012-15 तक प्रतिबन्ध लगाये हुए थे, हालांकि उस दौरान भी भारत ने ईरान के साथ तेल सौदा जारी रखा था। ईरान के साथ मज़बूत सम्बन्ध से भारत के लिए अफगानिस्तान और मध्य एशिया के द्वार खुल जायेंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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