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    ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने कहा कि “गिब्राल्टेर में  ब्रिटेन की गश्ती टीम ने ईरानी टैंकर को गैर कानूनी तरीके से जब्त कर लिया था। ईरान ने इस पर आपत्ति जताते हुए ब्रिटेन के राजदूत निकोलस हॉप्टन को तलब किया है।

    स्पुतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रितानी रॉयल मरीन्स ने गुरूवार सुबह शक के बिनाह पर एक तेल टैंकर को जब्त कर लिया था कि इस टैंकर के जरिये ईरान सीरिया को तेल तस्करी कर रहा है।

    गिब्राल्टेर के मुख्यमंत्री फेबियन पिकार्डो ने कहा कि “साल 2011 से यूरोपीय संघ ने सीरिया पर आर्थिक और ऊर्जा प्रतिबंधों को लागू किया हुआ है। कच्चे तक की डिलीवरी करने की कोशिश यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का उल्लंघन है।” इस वारदात ने ब्रिटेन और ईरान के बीच कूटनीतिक संबंधों को तल्ख़ कर दिया है।

    इस वक्त यूरोपीय संघ के सदस्य देश वैश्विक ताकतों के साथ हुई परमाणु संधि को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। वांशिगटन ने ईरान के तेल क्षेत्र पर कड़े प्रतिबंधों को थोपा है। साथ ही ईरान के साथ तेल सौदा करने वालो देशों या कंपनियों के खिलाफ प्रतिबन्ध थोपने की धमकी दी थी।

    अलबत्ता, ब्रिटेन अमेरिका की इस कार्रवाई का समर्थन नहीं करता है। इस जहाज को इसलिए जब्त किया गया था क्योंकि इस जहाज पर यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के बावजूद सीरिया को तेल तस्करी करने का संदेह था।

    अमेरिका ने परमाणु संधि को बीते वर्ष तोड़ दिया था और इसके बाद वांशिगटन ने तेहरान पर प्रतिबंधों को थोप दिया था। दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। सूत्रों के हवाले से सोमवार को ईरानी न्यूज़ एजेंसी ने रिपोर्ट प्रकाशित की कि ईरान ने यूरेनियम के उत्पादन में इजाफा किया है जो साल 2015 की संधि के तहत तय थी।

    अमेरिका के साथ बातचीत बहाल पर मह्मौद अल्वी ने बुधवार रात को कहा कि “अमेरिका के साथ बातचीत होने की समीक्षा तभी हो सकती है, अगर अमेरिका के राष्ट्रपति सभी प्रतिबंधों को हटा दे और हमारे सुप्रीम नेता ऐसी बातचीत के आयोजन के लिए अनुमति देंगे।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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