रेलवे यात्रा के दौरान कभी-कभी ना चाहते हुए भी हमें जुर्माने का हकदार बनना ही पड़ता है। जल्दबाजी में बेटिकट रेल यात्रा, जाने-अनजाने ट्रेन में रेलवे नियमों से परे ज्यादा वजन लादना आदि जुर्माने का कारण बनता है। मुसीबत तो तब खड़ी हो जाती है, जब हम सबके पॉकेट में उतनी ही नकदी होती है, जितनी सफर के दौरान जरूरत होती है।
जुर्माने की राशि अदा कर देने के बाद कुछ शेष नहीं बचता इसलिए इन परेशानियों से बचने के लिए लोग जुर्माने की राशि जमा करने से बचने की कोशिश करते नजर आते हैं। लेकिन कैशलेस इकॉनोमी को बढ़ावा देने तथा यात्रियों को इस असुविधा से बचने के लिए रेलवे विभाग ऑनड्यूटी टीटीई को स्वाइप मशीन देने की योजना बना रहा है। स्वाइप मशीन कैश में गड़बड़ी की संभावना को बिलकुल कम करेगा।
आप को बता दें कि अब रेल यात्री डेबिट-क्रेडिट कार्ड के जरिए जुर्माने की अदायगी कर सकेंगे। ट्रेनों में सफर के दौरान अब टीटीई के एक हाथ आपको स्वाइप मशीन जरूर नजर आएगी। रेलवे बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जा चुकी है। 15 जनवरी से पहले रेलवे बोर्ड इस फैसले को लागू करने के लिए कार्य योजना तैयार कर लेगा। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने कहा कि तय डेडलाइन तक फैसलों को लागू किया जाए। संभावना है नए वित्तीय साल से यह योजना शुरू हो जाएगी।
स्वाइप मशीन से यात्रियों को अन्य फायदे
अक्सर हम सभी को बड़ी आसानी से यह देखने को मिलता है कि ट्रेनों में बर्थ खाली रहने पर टीटीई सीट अलॉट कर देते हैं, और उसका चार्ज रख लेते हैं। लेकिन अब यात्री डेबिट-क्रेडिट कार्ड के जरिए पेमेंट कर अपनी सीट बुकिंग के प्रति आश्वस्त रह सकेंगे। यही नहीं रिजर्वेशन फेयर अथवा सप्लीमेंटरी चार्ज पेमेंट भी स्वाइप मशीन से किया जा सकेगा।
मुश्किल में फंसने से मिली मुक्ति
यात्रा के दौरान पकड़े जाने पर कई बार यात्री जुर्माना भी देना चाहता है, लेकिन उसके जेब में पैसे नहीं होते हैं। इस परिस्थिति में मजबूर होकर टीटीई को या तो उस पैसेंजर को छोड़ना पड़ता है, या फिर पुलिस को सौंप दिया जाता है। अब स्वाइप मशीन होने से कार्ड के जरिए चार्ज पेमेंट कर यात्री सकुशल अपने घर लौट सकेंगे।
टीटीई को टैब देने का इसलिए लिया निर्णय
रेलवे विभाग ने टीटीई के हाथों में स्वाइप मशीन के अलावा टैब थमाने का भी निर्णय कर लिया है। इस बारे में रेल मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि टैब के इस्तेमाल से पेपर चार्ट का इस्तेमाल हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। ना अब ट्रेनों के बाहर पेपर चार्ट लगेंगे और ना ही टीटीई के हाथों में पेपर चार्ट नजर आएगा। इस टैब के जरिए टीटीई के पास पैसेंजर्स की डिटेल्स और रिजर्वेशन चार्ट की पूरी जानकारी होगी। यही नहीं टीटीई इस टैब में रेवेन्यू डाटा भी फीड कर सकेंगे।
राजस्व नुकसान में कमी
एक अधिकारी ने बताया कि स्वाइप मशीन तथा टैब के इस्तेमाल से रेलवे विभाग को होने वाला राजस्व नुकसान काफी हद तक कम हो जाएगा। अक्सर टीटीई पर अवैध वसूली और फर्जी सीट बुकिंग के आरोप लगते रहते हैं। इस प्रकार टैब और स्वाइप मशीनों के इस्तेमाल से ना टीटीई को इस फर्जी आरोपों से छुटकारा मिलेगा बल्कि रेलवे को होने वाला राजस्व लाभ सुनिश्चित हो सकेगा।