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    7 वें वेतन आयोग, उच्च स्तरीय कमेटी का गठन

    सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के 18 माह बाद भी न्यूनतम वेतन में इजाफे को लेकर केंद्र सरकार और कर्मचारियों के बीच गहमागहमी बनी हुई है। विगत दो महीनों से केंद्र सरकार लगातार कर्मचारियों को इस बात का दिलासा दे रही थी उनके फिटमेंट फैक्टर और सैलरी में 7वें वेतन आयोग के तहत बढ़ोतरी कर दी जाएगी।

    इसी क्रम में सरकार 7वें वेतन अयोग या सीपीसी की सिफारिशों से परे कर्मचारियों के वेतन निर्धारण को लेकर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर सकती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे जाकर उच्च स्तरी समिति की ओर न्यूनतम वेतन और फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी के निर्णय से क्या कर्मचारी एक बार फिर से निराश नहीं होंगे।

    इस मामले को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों ने नेशनल एनोमली कमेटी (एनएसी) की उम्मीदों को करारा झटका दिया है। क्योंकि डीओपीटी स्टाफ की ओर से शिव गोपाल मिश्रा द्वारा सरकार को लिखे पत्र में यह कहा गया है कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे जाकर न्यूनतम वेतन और फिटमेंट फैक्टर की बढ़ोतरी की मांग करना नेशनल एनोमली कमेटी के दायरे के अनुरूप नहीं है।

    आपको जानकारी के लिए बता दें कि कैबिनेट द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की मंजूरी के एक दिन बाद, 30 जून 2016 अरूण जेटली ने कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन और फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी मामले को लेकर एक उच्च स्तरीय समिति के गठन की बात कही थी। इस उच्च स्तरीय समिति गठन के बजाय सरकार ने सितंबर 2016 में नेशनल एनोमली कमेटी (एनएसी) का गठन किया।

    हांलाकि एनएसी कमेटी केंद्रीय कर्मचारियों किसी की भी तरह की राहत देने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए लागू 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे एक उच्च स्तरीय समिति वेतन बढ़ोतरी को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

    गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, कार्मिक प्रशिक्षण विभाग, पेंशन, राजस्व, व्यय, पदों, स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा रेलवे बोर्ड के चैयरमैन और डिप्टी कैग इस उच्च स्तरीय समिति के सदस्य होंगे।

    गौरतलब है कि केंद्रीय कर्मचारी सरकार से न्यूतम वेतन 18,000 रुपए से बढ़ाकर 26,000 रुपए और फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना की तुलना में 3.68 करने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सांतवे वेतनमान के मुताबिक यदि उनके न्यूनतम वेतन और फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी नहीं की गई तो वे अनिश्चि​तकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

    आपको बता दें कि सरकार ने क्रमश: जून 2016 तथा जुलाई 2017 में कर्मचारियों के वेतन-भत्ते में बढ़ोतरी को लेकर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दी थी। सरकार ने शुरू में केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपए करने की बात कही थी।