काफी आलोचना के बाद भी, पुनीत मल्होत्रा द्वारा निर्देशित फिल्म “स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर 2” इस साल की बहुप्रतीक्षित फिल्मो में से एक है। करण जौहर द्वारा निर्मित फिल्म में टाइगर श्रॉफ, अनन्या पांडे और तारा सुतारिया अहम किरदार निभा रहे हैं। हाल ही में, टाइगर और अनन्या ने नेपोटिस्म के ऊपर अपने विचार रखते हुए कहा कि इसके फायदे और नुकसान दोनों हैं।
अनन्या और टाइगर के पिता चंकी पांडे और जैकी श्रॉफ बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता हैं, ऐसे में लाज़मी है कि नेपोटिस्म पर गरमा-गरम बहस में उन दोनों के नाम भी आयेंगे। इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में, अनन्या ने कहा-“मैं मानती हूँ कि ये है, लेकिन मेरा मानना है कि ये हर इंडस्ट्री में होता है और केवल हमारी इंडस्ट्री में नहीं।”
“मुझे लगता है कि हम दोनों हमेशा अपने पिता की छाया में रहते हैं। जहाँ भी हम जाते हैं, हर कोई यही कहता है कि हमारे पिता कितना गर्मजोशी से पेश आते थे और कितने अच्छे लोग वे हैं। तो हमारे लिए ये सुनना बहुत अच्छा है और हमें अपने पिताओं पर बहुत गर्व है।”
अनन्या ने आगे कहा कि उन्हें शर्म नहीं आती कि उनके पिता कौन हैं। उनके मुताबिक, “हम कभी भी इस पर शर्म नहीं करना चाहते कि हमारे पिता कौन हैं। मुझे लगता है कि यह आपको उन कमरों में जाने में मदद करता है, आपको लोगों से मिलने की सुविधा मिलती है और मुझे लगता है कि आप उन कमरों में क्या करते हैं, यह पूरी तरह से आप पर और आपकी प्रतिभा पर निर्भर करता है।”
जब टाइगर से पूछा गया तो अभिनेता ने कहा कि नेपोटिस्म के अपने फायदे और नुकसान हैं और स्टार-किड्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है अपनी खुद की पहचान बनाना।
उनके मुताबिक, “हर चीज़ के अपने फायदे और नुकसान हैं । फायदा ये है कि लोग हमें तेजी से नोटिस करते हैं। यह हमारे माता-पिता की वजह से है। उसके लिए, हम बहुत आभारी और धन्य हैं। ये कहने के बाद, अब दबाव दोगुना है क्योंकि अब लोग हमें दूरबीन से देख रहे हैं। हमें खुद को और भी अधिक साबित करने के लिए और यह साबित करने के लिए कि मैं अपने पिता से कितना अलग हूँ और उनकी छाया से बाहर निकलने के लिए … मुझे लगता है कि मेरे लिए चुनौती खुद की पहचान बनाना है।”
फिल्म 10 मई को रिलीज़ हो रही है।