अमेरिका की सेना इस साल जापान के ओकिनावा द्वीप में पहली मिसाइल ड्रिल का आयोजन करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका चीन की विस्तारवादी नीति को मात देना चाहता है। अमेरिकी सेना ने जापानी समकक्षी से अपनी योजना के बाबत कहा कि वह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ओकिनावा में सरफेस टू शिप मिसाइल की तैनाती करना चाहते हैं।
अमेरिका के करीबी दोस्त जापान के साथ यह पहली मिसाइल ड्रिल है। दस्तावेज के मुताबिक इस ड्रिल में एक मोबाइल राकेट लांचर होगा, जो चीन की सरफेस टू सी बैलिस्टिक मिसाइल का के हमले की क्षमता की जांच करेगा। बीते कुछ वर्षों में जापान के ओकिनावा द्वीप के नजदीक चीनी युद्धपोतों ने निरंतर गश्त की है। यहाँ पर जापान में तैनात अधिकतर अमेरिकी सैनिक मौजूद है।
जानकारों के मुताबिक चीन की समुंद्री गतिविधियों में सक्रियता निरंतर बढ़ती जा रही है, ताकि वह जलीय सीमा पर अपना नियंत्रण स्थापित कर सके जो ओकिनावा, ताइवान और फ़िलीपीन्स से जुड़ता है। जानकारों को यकीन है कि चीन अमेरिका सेना का प्रभुत्व पश्चिमी पैसिफिक में खत्म करना चाहता है इसलिए जापान के दक्षिणी ओगासवारा द्वीप चैन से जुड़े दूसरे द्वीप को अपने नियंत्रण में करने की फ़िराक में हैं।
चीन की निरंतर सैन्यकरण में वृद्धि में पडोसी मुल्कों की नींद ख़राब कर रखी है, जापान के रक्षा प्रमुख ने बीते बर्ष कहा था कि चीन ने गत वर्ष एकतरफा सैन्य गतिविधियों को बढाया है। चीन के मुताबिक यह गतिविधियाँ आत्मसुरक्षा के लिए हैं।
सैन्य विरोधी होने के अल्वा अमेरिका और चीन सबसे बड़े व्यापार साझेदार भी है। विश्व की दो ताकतवर अर्थव्यवस्थाओं के मध्य व्यापार असंतुलन के कारण मतभेद हो गए थे। अमेरिका और चीन ने एक-दूसरे के देश से आयातित उत्पादों पर उच्च अतिरिक्त शुल्क थोपा था।