Sat. Apr 27th, 2024
    satya-pal-malik

    जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने अंदेशा जताया कि उनका ट्रांसफर जम्मू कश्मीर से कहीं और किया जा सकता है। मलिक ने ग्वालियर के एक कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग करने के कारणों के बारे में बोला था।

    वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गिरिधारी लाल डोगरा के पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम अपने ट्रांसफर का अंदेशा जताते हुए जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने कहा ‘जब तक मैं यहाँ हूँ, मैं यहाँ हूँ। यह मेरे हाथों में नहीं है।’ उन्होंने कहा ‘मैं नहीं जानता कब मेरा ट्रांसफर कर दिया जाए। मेरी नौकरी नहीं जायेगी, मैं लोगों का आश्वस्त करना चाहता हूँ कि जब तक मैं यहाँ हूँ, आप मुझे बुलायेंगे तब तक मैं आपकी सेवा के लिए उपस्थित रहूँगा।

    गौरतलब है कि 24 नवम्बर को ग्वालियर में एक समारोह में उन्होंने जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग करने के कारणों पर विस्तार से बोला था। उन्होंने ये भी कहा था कि भाजपा अपने 25 विधायकों और सज्जाद लोन के 2 विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहती थी। उनके पास बहुमत नहीं था ऐसे में कश्मीर में विधायको की खरीद फरोख्त के लिए पैसे का खुला खेल शुरू हो जाता। इसलिए उन्होंने विधानसभा भंग कर दी।

    उन्होंने कहा ‘मेरे ऊपर केंद्र का कोई दवाब नहीं था। मैंने अपने विवेक से जम्मू कश्मीर के हित को ध्यान में रखकर फैसला किया।’

    उन्होंने कश्मीर समस्या के लिए सभी राजनितिक पार्टियों को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी कश्मीर समस्या के समाधान के लिए गंभीर नहीं है।

    गौरतलब है कि नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस मिल कर सरकार बनाना चाहते थे। महबूबा मुफ़्ती ने सरकार बनाने की चिट्ठी राज्यपाल ऑफिस में फैक्स से भेजा लेकिन राज्यपाल ने फैक्स ना मिलने की बात कह विधानसभा भंग कर दी।जिसके बाद पार्टियों ने उनपर भाजपा और केंद्र के इशारे पर ये कदम उठाने का आरोप लगाया था।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *