Sat. Nov 23rd, 2024

    कश्मीर घाटी से आतंकियों के सफाये के लिए जारी सेना के ऑपरेशन ‘ऑलआउट’ में बड़ी सफलता हाथ लगी है। पिछले 7 सालों से घाटी में आतंक का पर्याय बन चुके लश्कर-ए-तैयबा के कश्मीर एरिया कमांडर अबु दुजाना को सेना ने पुलवामा जिले के हाकरीपोरा गाँव में मार गिराया है। उसके साथ एक अन्य स्थानीय आतंकी आरिफ ललहारी के भी मारे जाने की खबर है। दुजाना को मारने के लिए सेना पिछले कई महीनों से सर्च ऑपरेशन चला रही थी। दुजाना पर 10 लाख रूपये का इनाम घोषित था।

    आतंकियों के एक घर में छिपे होने की सूचना मिलने के बाद सेना ने तड़के 4 बजे से ही घेरा डाल रखा था। दुजाना अभी कुछ दिनों पहले ही सेना को चकमा देकर बच निकलने में कामयाब रहा था। पर इस बार सेना पूरी तैयारी के साथ आयी थी। सीआरपीएफ की 182 बटालियन, 183 बटालियन, 55 राष्ट्रीय राइफल और एसओजी की संयुक्त टीम ने मिलकर इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन चलाया। शक होने पर उस घर को घेर लिया गया जिसमें अबु दुजाना छिपा हुआ था। फिर आतंकियों ने सेना पर फायरिंग शुरू कर दी जिस पर सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की। सुरक्षाबलों ने विस्फोटक से उस घर को उड़ा दिया और अबु दुजाना मारा गया।

    घाटी में फिर हुई पत्थरबाजी

    अबु दुजाना की मौत के बाद घाटी में फिर सेना पर पत्थरबाजी हुई। लोगों ने सड़कों पर निकल कर अपना विरोध जताया और सेना पर पत्थरबाजी की। पहले भी दुजाना लोगों की आड़ लेकर बच निकला था। तब सेना की घेराबंदी के बाद लोगों ने दुजाना को बचने के लिये सेना पर पत्थरबाजी की थी। घाटी में आतंकियों के सफाये के लिए जारी ऑपरेशन ऑलआउट का शुरू से ही विरोध हो रहा है। इसके तहत सेना सूचीबद्ध कर सभी आतंकियों को मार रही है। इस क्रम में अबतक 100 से अधिक आतंकियों को मारा जा चुका है और आने वाले समय में सेना आतंकमुक्त कश्मीर बनाने के लिए प्रयासरत है। इस ऑपरेशन में ख़ुफ़िया सूचनाओं के आधार पर गाँवों में घर-घर जाकर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और संदिग्घ लोगों पर कार्रवाई हो रही है।

    अबु दुजाना की मौत पर प्रदर्शन

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।