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    नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)| गलत कारणों से सुर्खियों में आई कश्मीरी फुटबाल गोलकीपर अफशां आशिक मौजूदा भारतीय महिला लीग (आईडब्ल्यूएल) में हिस्सा लेने के बाद अब ‘पत्थरबाज से फुटबालर बनी’ के रूप में उभरना चाहती हैं।

    दिसंबर 2017 में अफशां की एक फोटो सोशल मीडिया पर वाइरल हो गई हुई थी, जिसमें वह जम्मू-कश्मीर पुलिस पर पत्थर फेंकती दिख रही थी।

    अफशां उस समय श्रीनगर में टूरिस्ट रिसेप्शन सेंट ग्राउंड में 12 से 22 साल की कश्मीरी लड़कियों को फुटबाल की कोचिंग दे रही थी, तब यह घटना घटी थी।

    न्यूज 18 ने आईडब्ल्यूएल से इतर अफशां के हवाले से कहा, “उन्होंने (पुलिस ने) हमारे साथ दुर्व्यवहार किया, मेरे छात्रों को थप्पड़ मारा। अगर वे हमारे साथ इस तरह के व्यवहार करते हैं तो वे हमसे क्या उम्मीद करते हैं?।”

    उन्होंने कहा, “मुझे एक पत्थरबाज करार दिया गया, लेकिन मैं हमेशा से एक फुटबालर रही हूं। मैं बस एक दिन थी।”

    अफशां ने आगे कहा, “मैंने चिल्लाया ‘तुम मुझे पत्थरबाज क्यों कह रहे हो, मैं वह नहीं हूं’। मुझे कहा गया था कि तुम एक पेशेवर पत्थरबाज की तरह ही फेकों। मीडिया ने उस तरह की अजीब कहानी बनाई और मैं कहा था कि ‘कृपया इसे हटा दें’ ।”

    सोशल मीडिया पर जारी फोटो में अफशां का चेहरा डुपट्टा से ढका हुआ था।

    उन्होंने कहा, ” उस घटना के बाद जब मैं ट्रेनिंग के लिए गई तो मैंने सोचा कि किसी को भी यह नहीं पता होगा कि यह मैं था। बाद में खेल सचिव ने आकर मुझसे कहा कि अब आप सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध हैं। मैं ऐसा था जैसे मैंने क्या किया? मैंने कुछ भी नहीं किसा है। उन्होंने कहा कि आपको पता चल जाएगा कि आपने क्या किया।”

    अफशां ने ट्रेनिंग के दौरान वही ड्रेस पहनी थी जो उन्होंने पत्थर फेंकने के दौरान पहनी थी। इससे खेल सचिव को उनकी पहचान करने में मदद मिली।

    अफशां ने कहा, “मुझे कबूल करना पड़ा। उन्होंने कहा ‘मैं आपके साथ हूं। आप बस मीडिया से बात करें और उन्हें सच्चाई बताएं। बस उन्हें बताएं कि क्या हुआ था।’ हर कोई सोच रहा है कि कश्मीर में खेल का कोई भविष्य नहीं है और मैंने सोचा कि ठीक है, मैं बात करूंगी।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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