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    मरहूम जमाल खशोगी की मंगेतर

    सऊदी अरब के तुर्की के दूतावास में बीते वर्ष पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या की गयी थी। खाशोगी की मंगेतर ने गुरूवार को कहा कि “उन्हें यकीन नहीं होता कि इस अपराध के लिए किसी को अभी तक गंभीर परिणाम नहीं भुगते हैं। मेरी समझ से परे है कि अभी तक विश्व हाथ पर हाथ धरे बैठा है।”

    खशोगी की हत्या का यकीन नहीं होता

    उन्होंने कहा कि “मैं अभी भी मानवीय भावना नहीं उत्पन्न कर सकती हूँ। मुझे अभी भी समझ में नहीं आ रहा है। मुझे अभी भी महसूस होता है कि मैं जाग जाउंगी।” उन्होंने यह बयान अंतर्राष्ट्रीय प्रेस आज़ादी और मानवीय अधिकारों पर रिपोर्टिंग के दौरान खतरे की सुनवाई के दौरान दिया था।

    जमाल खशोगी के साथ आखिरी बार उनकी मंगेतर चेंगिज ही थी। जमाल खशोगी एक अमेरिकी निवासी और वांशिगटन पोस्ट में कॉलमिस्ट थे। उनकी हत्या इस्तांबुल के सऊदी दूतावास में 2 अक्टूबर को हुई थी। वह सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के मुखर आलोचक थे। दूतावास में उनकी हत्या के बाद उनके शव को गायब कर दिया गया था और इसका आरोप सऊदी से आयी 15 सदस्यों की टीम पर था।

    उन्होंने कहा कि “हमने अभी तक नहीं मालूम कि उनकी हत्या क्यों की गयी थी। हम नहीं जानते कि उनका शव कहाँ हैं। उन्होंने सऊदी अरब को सज़ा देने के लिए प्रतिबन्ध लगाने की मांग की थी। साथ ही अमेरिका से सल्तनत में कैद राजनीतिक कैदियों की आज़ादी की मांग की है।”

    न्याय की गुहार

    अमेरिकी विभागों के पत्रकार की हत्या का जिम्मेदार सऊदी के आलाकामन को बताया था लेकिन रियाद ने क्राउन प्रिंस के इसमें शामिल होने से इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि “वह अपने मंगेतर की हत्या पर सख्त प्रतिक्रिया के लिए वांशिगटन उम्मीद लेकर आयी थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने महीनो पूर्व मुझे व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था लेकिन वह नहीं गयी क्योंकि वह उनकी प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं थी।”

    उन्होंने कहा कि “हमें दोनों में से एक विकल्प का चयन करना होगा, या तो ऐसा समझे जैसे कुछ हुआ ही नहीं है या फिर इसके खिलाफ कार्रवाई करे। हम सारे अंतर्राष्ट्रीय हितो और राजनीतिक फायदों को किनारे रखकर बेहतर जिंदगी के मूल्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

    मध्य पूर्व मे सऊदी अरब अमेरिका का महत्वपूर्ण साझेदार है और वह ईरान को शिकस्त देने के लिए अहम है। चेंगिज ने न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि “मेरे ख्याल से यह अमेरिका के लिए एक परीक्षा है और वह इसे पास कर सकते हैं और करना भी चाहिए।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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