छाछ, दूध और मक्खन का मिश्रण नहीं होता है बल्कि इसे दही से बनाया जाता है। इसे बटरमिल्क भी कहते हैं।
गरमियों के मौसम में छाछ शरीर को ठंडक प्रदान करता है।
छाछ अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होता है और यह हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक होता है।
इस लेख में हम छाछ पीने के फायदे के विषय में चर्चा करेंगे।
विषय-सूचि
छाछ पीने के फायदे
छाछ पीने से डिहाइड्रेशन से छुटकारा मिलता है
छाछ में इलेक्ट्रोलाइट्स पाए जाते हैं जो शरीर में गर्मी के कारण हो रही पानी की कमी को पूरा करते हैं।
चूंकि छाछ अनेक पेय पदार्थों, जैसे दूध और दही से बनाया जाता है, इसलिए यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करने में सक्षम होता है।
गर्मी के मौसम में जब हम धूप में काम करते हैं तो हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
ऐसे में छाछ हमारी बहुत सहायता करता है।
खाली पेट छाछ पीने के फायदे पाचन क्रिया के लिए
छाछ में ऐसे बैक्टीरीया पाए जाते हैं जोकि पाचन क्रिया में सहायता देते हैं। इन बैक्टीरीया को प्रोबायोटिक कहते हैं।
प्रोबायोटिक कोलोन व पाचन से संबंधित सभी अंगों के लिए फ़ायदेमंद होता है।
ये बैक्टीरीया लैक्टोस को लैक्टिक ऐसिड में बदल देते हैं। ये भोजन से पोषक तत्वों की अवशोषण की दर को भी बढ़ा देते हैं।
छाछ पीना सर्दी व जुकाम के लिए फायदेमंद
छाछ सर्दी, जुकाम व बहती नाक के लिए अत्यंत फ़ायदेमंद होता है। यह जुकाम के जीवाणु को नष्ट कर देता है।
छाछ में थोड़ा सा पिसा हुआ लहसुन व अदरक मिलायें। इसके बाद इसका सेवन करें।
यह सर्दी, जुकाम व बहती नाक के लिए फ़ायदेमंद होता है।
सनबर्न के लिए
गर्मियों के मौसम में हमें सनबर्न हो जाता है। त्वचा पर भयंकर जलन होती है और लाल धब्बे भी पड़ जाते हैं।
छाछ सनबर्न की समस्या से राहत दिलाता है।
सनबर्न से छुटकारा पाने के लिए छाछ में उसके बराबर ही टमाटर का जूस मिला दें। इसे सनबर्न हुई त्वचा पर लगाएँ। यह सनबर्न की समस्या को पूर्णत: खत्म कर देगा।
छालों के उपचार में
शोधों से यह बात सिद्ध की गई है कि छाछ छालों का बेहतरीन इलाज करता है।
छाछ पेट में उत्पादित हुए एसिड्स को पेट में मौजूद भोजन के पाचन में लगा देता है।
इस प्रकार एसिड आंत में नहीं आ पाता जिससे की खट्टी डकारों की समस्या भी ख़त्म होती है।
छाछ जीईआरडी से पीड़ित लोगों के लिए एक बेहतरीन औषधि है क्योंकि यह ठंडा प्रभाव रखती है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में
छाछ में लैक्टिक ऐसिड पाया जाता है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करता है।
लैक्टिक ऐसिड भोजन में पाएँ जाने वाले हानिकारक बैक्टीरीया से लड़ने में सहायता करता है।
इस तरह यह शरीर को बीमारियों से दूर रखता है।
जो लोग मोटापे, मधुमेह या रक्तचाप की समस्या से पीड़ित हैं उन्हें छाछ का प्रयोग करना चाहिए।
छाछ में वसा और कैलोरी की मात्रा कम होती है। इस तरह यह मोटापे और मधुमेह से छुटकारा देता है।
एक बात का विशेष खयाल रखें कि छाछ में नमक की ज़्यादा मात्रा न डालें।
अगर छाछ में आप ज़्यादा नमक डाल देते हैं तो उच्च रक्तचाप में यह नुक़सान कर सकता है।
छाछ का उपयोग मुँह के घाव व छालों के उपचार में
छाछ में पाया जाने वाला बैक्टीरीया मुँह के घाव व छालों में राहत देता है।
छाछ को अपने मुँह में लें और कुछ सेकंड तक उसे मुँह में ही रखें। इसके बाद उसे बाहर थूक दें।
आप इसे एक माउथवाश की तरह प्रयोग कर सकते हैं।
छाछ विटामिन्स से भरपूर
छाछ में विटामिन बी काम्प्लेक्स व विटामिन डी पाया जाता है। ये दोनों विटामिन ही शरीर की रोगों से रक्षा करते हैं।
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स एनीमिया या रक्ताल्पता के लिए लाभदायक होता है। विटामिन डी शरीर में सूखा रोग पनपने नहीं देता।
रात को छाछ पीने के फायदे पेट के लिए
छाछ में लैक्टिक ऐसिड पाया जाता है जो पेट में हानिकारक जीवाणुओं को पेट में रुकने नहीं देता है। इस तरह ये पेट की सफ़ाई करता है।
छाछ में काली मिर्च, लहसुन, अदरक व अन्य कई ऐसे तत्व मिलाए जाते हैं जो पेट की समस्याओं से राहत देते हैं। छाछ कब्ज व एसिडिटी से छुटकारा देता है।
नियमित रूप से छाछ का सेवन करने से इर्रीटेबल बोवेल सिंड्रोम, आँतों की समस्या, कोलोन कैन्सर आदि से बचा जा सकता है।
राइबोफ्लेविन से भरपूर
हमारा शरीर राइबोफ्लेविन कि एक पर्याप्त मात्रा रखता है जोकि शरीर की अनेक क्रियाओं को सुचारु रूप से चलाने में मदद करता है।
छाछ में पाया जाने वाला राइबोफ्लेविन भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
ये राइबोफ्लेविन एंजाइम्स और हारमोन को स्रावित होने और उन्हें संतुलित रखने में सहायता करता है। इतना ही नहीं ये पाचन और लिवर के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद होता है।
कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करना
अनेक आयुर्वेदिक ग्रंथों से यह बात में यह बात बतायी गई है कि बटरमिल्क या छाछ कलेस्टरॉल के लिए बहुत फ़ायदेमंद होता है।
छाछ में मिलाए जाने वाले अनेक तत्व जैसे अदरक, काली मिर्च आदि रक्त में कलेस्टरॉल की मात्रा को बढ़ने से रोकते हैं।
इस प्रकार छाछ हृदय संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा देता है।
लस्सी के गुण क़ब्ज़ में
सही ढंग से भोजन न करने या अत्यधिक जंक फ़ूड खाने से कांस्टीपेशन या क़ब्ज़ की समस्या हो जाती है।
जिन लोगों के शरीर में फ़ाइबर की कमी होती है उन्हें भी क़ब्ज़ की समस्या होती है।
कब्ज़ से बचने के लिए नियमित रूप से छाछ का सेवन करना चाहिए। यह शरीर में फ़ाइबर की कमी को पूरा करता है।
कोशिकाओं के विकास में सहायक
कोशिकाओं को बढ़ने और विकास करने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है।
यदि शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाए तो दुबलापन, कमज़ोरी और अन्य कई समस्याएं हो जाती है अतः शरीर में प्रोटीन का होना अति आवश्यक है।
छाछ में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। यह कोशिकाओं को बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
वजन घटाने में
मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए छाछ एक अच्छा डाइट प्लान हो सकता है।
छाछ में वसा और कैलोरी नहीं पाए जाते हैं लेकिन फिर भी यह शरीर को पोषण और ऊर्जा देता है।
छाछ हमारी भूख की क्रेविंग को कम करता है जिससे हम जंक फ़ूड की तरफ़ आकर्षित नहीं होते हैं। इस तरह हम वज़न कम कर सकते हैं।
रक्तचाप नियंत्रित करना
अध्ययन से यह बात स्पष्ट हुई है कि छाछ में बायोऐक्टिव प्रोटीन्स पाए जाते हैं।
ये बायोऐक्टिव प्रोटीन्स कलेस्टरॉल को कम करते हैं। ये रक्त से हानिकारक कणों को निकाल देते हैं और रक्त की सांद्रता को कम करते हैं।
रक्त की सांद्रता कम हो जाने से रक्त का प्रवाह नसों में नियमित बना रहता है और रक्तचाप की समस्या नहीं होती।
इस लेख में हमनें छाछ पीने के फायदे जाने।
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रात को छाछ पीने से क्या होता है?
nice info.
छाछ पीने से प्रोटीन भी मिलता है क्या? मैं जिम जाता हूँ और फिर जिम से आकर छाछ पीता हूँ प्रोटीन के लिए.
chhaj me kya paya jata hai?
छाछ मे विटामिन बी काम्प्लेक्स के कौन-कौन से घटक कितनी-कितनी मात्रा मे पाये जाते हैं?