Fri. Apr 26th, 2024
    कपास

    हाल ही की अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट्स के अनुसार नवीनतम और उन्नत कृषि तकनीकों का प्रयोग करके बेहतर पैदावार के दम पर चीन वर्ष 2018-19 में भारत को कपास के उत्पादन के मामले में पछाड़ कर विश्व का सबसे बड़ा कपास उत्पादक बन जाएगा।

    7 प्रतिशत कम होगा भारत का उत्पादन :

    अंतर्राष्ट्रीय कपास सलाहकार समिति (ICAC) ने हाल ही में कहा कि कपास उत्पादन किये जाने वाले क्षेत्रों में “अपर्याप्त वर्षा” के कारण भारत के कपास के उत्पादन में 7 प्रतिशत की गिरावट होने की उम्मीद है, जबकि चीन में उत्पादन लगभग 1 प्रतिशत बढ़कर 5.94 मिलियन टन होने की उम्मीद है। इसका मतलब है, चीन जोकि 2015-16 में भारत से हार गया था, एक बार फिर अपनी जगह लेगा और विश्व का सबसे बड़ा कपास उत्पादक बनेगा।

    दुनिया में कपास उत्पादन के आंकड़े

    इसके साथ ही भारत के सर्वोच्च कपास व्यापार निकाय, कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CAI) ने भी अपना मत पेश किया है। इसके अनुसार भारत का कपास उत्पादन 2018-19 की अवधि में लगभग लाख बेल तक कम हो जाएगा। बतादें की एक बाले का वजन 170 किलो होता है।

    क्या हैं उत्पादन में कमी के कारण :

    सलाहकार समीति ने अपने आंकड़ों के साथ साथ इसके कम होने के भी कुछ संभव कारन बताये हैं। उनके अनुसार भारत का चीन से हारने का कारण मुख्य रूप से प्रतिकूल जलवायु और जल उपलब्धता की स्थिति होगी। सबसे ज्यादा प्रतिकूल स्थितियां कर्नाटक और तेलंगाना में हैं।

    कपास विशेषज्ञों के अनुसार, गुजरात और महाराष्ट्र सहित बढ़ते क्षेत्रों में लगभग 85 प्रतिशत कपास किसानों ने पहले और दूसरे चरण के बाद अपने पौधों को उखाड़ दिया। इसने बाद की तीसरी और चौथी उपज को लगभग असंभव बना दिया।इसी कारण जलवायु भारत के कपास के लिए ख़तरा बन रहा है क्योंकि हमारे क्षेत्र का लगभग 77 प्रतिशत गैर-सिंचित है, जो बारिश पर अत्यधिक निर्भर करते हैं।

    कपास के उत्पादन का इतिहास :

    भारत ने पिछले कुछ वर्षों में केवल एक बार कपास उत्पादन में वृद्धि देखी। अन्यथा कुल मिलाकर हर साल हम कपास की फसल को कम होते हुए देखते हैं। पैदावार बहुत कम है, और कीटों के कारण कपास की खेती के लिए नए क्षेत्रों को जोड़ने की बहुत काम संभावना है। इसलिए, हम कपास की खेती में संतृप्ति तक पहुँच चुके हैं।

    भारत में किसानों के पास उन्नत और नवीनतम तकनीकों के ना होने के पारण एक हेक्टेयर से केवल 485 से 500 किलो तक के कपास का ही उत्पादन हो पाटा है जहां चीन में एक हेक्टेयर में 1755 किलो तक का उत्पादन किया जा रहा है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *