Fri. Apr 26th, 2024
    भारत-चीन सीमा विवाद

    डोकलाम विवाद पर चीन के रवैये में कोई नरमी नजर नहीं आ रही है। वह लगातार भारत पर उकसाने का आरोप लगाते हुए भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल कर रहा है। हालिया प्रकाशित लेख में चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि डोकलाम मुद्दे पर मोदी सरकार का रवैया भारत को युद्ध की तरफ धकेल रहा है। ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए चीनी सेना पूरी तरह तैयार है। भारत के साथ अगर युद्ध हुआ तो यह एकतरफा होगा और इसका नतीजा जगजाहिर है। अख़बार ने कहा है कि भारत सरकार बार-बार यह झूठा दावा करती है कि उसकी सेना और 1962 वाली भारतीय सेना में फर्क है लेकिन यह सच्चाई नहीं है। मोदी सरकार अगर सच में युद्ध करना चाहती है तो उसे अपने लोगों को कम से कम सच बता देना चाहिए। भारत हर क्षेत्र में चीन के सामने कमजोर है और किसी भी मोर्चे पर भारतीय सेना चीन की पीएलए के सामने नहीं टिकती। चीन की मौजूदा पीएलए पिछले 50 सालों में सबसे सशक्त है और वह सीमा क्षेत्र में मौजूद सभी भारतीय सैनिकों को ख़त्म करने में पूरी तरह सक्षम है।

    भारत-चीन सीमा विवाद

     

    अख़बार ने अपने लेख में कहा है कि युद्ध के बारे में सोचने से पहले मोदी सरकार को अपनी सेना की स्थिति देखनी चाहिए। पीएलए ने युद्ध की पर्याप्त तैयारियां कर ली हैं। हाल ही तिब्बत सीमा पर किया गया युद्धाभ्यास इसी का हिस्सा था। भारतीय सीमा पर तैनात सैनिकों की पीएलए के जवानों से कोई प्रतिद्वंदिता नहीं है। युद्ध की स्थिति में भारतीय श्रेणा पीएलए के सामने कहीं नहीं टिकने वाली। यह पीएलए के जवानों के लिए युद्धाभ्यास ही होगा जिसे वह आसानी से जीत लेंगे। चीन के एक सैन्य विशेषज्ञ ने कहा है कि चीनी सेना डोकलाम से अपने कदम वापस नहीं लेगी। ऐसा करने से भारत को भविष्य में उसके खिलाफ अन्य जगहों पर समस्या खड़ी करने का प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय रणनीतिकारों को यह लगता है कि उनके देर करने से उनका पक्ष मजबूत होगा और चीन डोकलाम से सेना वापस बुला लेगा तो वह गलत सोचते हैं।

    भारत-चीन सीमा विवाद

     

    चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ में लिखे अपने लेख में इस सैन्य विशेषज्ञ यू दोंगशियोम ने लिखा है कि बीजिंग और नई दिल्ली के बीच कई क्षेत्रों को लेकर सीमा विवाद है लेकिन डोकलाम इसमें शामिल नहीं है। ऐसे में डोकलाम में भारतीय सेना की मौजूदगी और हस्तक्षेप उकसावे भरा कदम है। अपने लेख में उन्होंने लिखा है कि भारत का डोकलाम से कोई वास्ता नहीं है और यह क्षेत्र चीन से सम्बन्धित है। वर्ष 1890 में चीन और ब्रिटेन के मध्य हुई संधि इस बात का सबूत है। भारत ने कहा है कि वह अपनी सेना तभी वापस बुलाएगा जब चीन भी डोकलाम से अपनी सेना हटा ले। वहीं चीन ने धमकी दी है कि वह अगले 2 हफ्तों में डोकलाम में एक छोटा सा ऑपरेशन चला सकता है। हालांकि उसने भारत को इसकी पूर्व सूचना देने को कहा है।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।