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    चिली में विरोध प्रदर्शन व सबसे गंभीर नागरिक अशांति के पहले महीने के पूरा होने पर देशभर में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और सरकार द्वारा घोषित सामाजिक एजेंडे और नए संविधान के लिए संसदीय समझौते पर अविश्वास जताया। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, प्लाजा इटालिया, विरोध प्रदर्शन का ग्राउंड जीरो सोमवार को भी भारी भीड़ के जुटने का केंद्र बना रहा।

    चिली विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा सैटिंयागो मेट्रो में प्रवेश करने को लेकर टिकट की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन की शुरुआत की गई थी।

    चिली के राष्ट्रपति सेबेस्टिन पिनेरा ने कहा, “पिछले चार हफ्तों में चिली बदल गया, चिली के लोग बदल गए, सरकार बदल गई, हम सभी बदल गए हैं। जिस सामाजिक तानेबाने के तहत हम रहते थे वह चरमरा गई।” पिनेरा ने संकट की शुरुआत में कई सामाजिक उपायों की घोषणा की थी।

    राष्ट्रपति ने उस समझौते की भी तारीफ की जो 15 नवंबर को संसदीय ताकतों द्वारा अप्रैल, 2020 में जनमत संग्रह कराने के लिए किया गया, ताकि नागरिक तय कर सकें कि क्या वे नया संविधान चाहते हैं और किस निकाय को इसे लिखना चाहिए। उन्होंने पहली बार यह भी स्वीकार किया कि दुर्व्यवहार किया गया और सुरक्षा बलों द्वारा अत्यधिक बल का उपयोग किया गया है, जिसे उन्होंने प्रतिबंधित करने का वादा किया था।

    चिली के राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थान की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 23 लोग मारे गए, जिनमें से पांच कथित रूप से देश के एजेंटों के हाथों मारे गए हैं और 2,381 घायल हुए हैं।

    चिली पुलिस (केराबिनेरोस के रूप में जानी जाने वाली) ने सोमवार को कहा कि 18 अक्टूबर से अब तक 15,000 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं, जिनमें से 4,000 लूटपाट के मामले से जुड़े हैं।

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