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    चंदा कोचर

    नई दिल्ली, 14 मई (आईएएनएस)| आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर 1,875 करोड़ रुपये के वीडियोकॉन ऋण मामले की जांच के संबंध में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पूछताछ के लिए पेश हुए।

    सोमवार को लगभग नौ घंटों की पूछताछ के बाद कोचर दंपत्ति मगंलवार सुबह खान मार्केट क्षेत्र स्थित ईडी मुख्यालय पहुंचे।

    कोचर दंपत्ति से सोमवार को वीडियोकॉन समूह के प्रमोटर और चेयरमैन वेणुगोपाल धूत से उनके सौदे तथा उनके बीच हुए आर्थिक लेन-देन के बारे में पूछताछ हुई।

    यह मामला 2009 और 2011 के दौरान आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को 1,875 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी देने में कथित वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्ट कार्यवाही से संबंधित है।

    ईडी को अवैध लेन-देन से संबंधित सबूत मिले थे जिसमें दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर को करोड़ों रुपये दिए गए थे।

    कोचर दंपति से पिछले महीने मुंबई में कई बार पूछताछ हुई थी।

    ईडी ने मार्च में अपनी जांच के तहत कोचर दंपत्ति के आवास तथा कार्यालय परिसरों की सिलसिलेवार तलाशी ली थी और चंदा तथा उनके पति दीपक कोचर के साथ-साथ धूत से पूछताछ भी की थी।

    धूत ने कथित रूप से दीपक की कंपनी ‘न्यूपावर रीन्यूवेबल्स लिमिटेड’ में अपनी कंपनी ‘सुप्रीम इनर्जी’ के माध्यम से निवेश किया था जिसके बदले में चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक से ऋण को मंजूरी दिला दें।

    वीडियोकॉन समूह को दिए गए कुल 40,000 करोड़ रुपये के ऋण में से 3,250 करोड़ रुपये का ऋण आईसीआईसीआई बैंक द्वारा दिया गया था और आईसीआईसीआई के ऋण का बड़ा हिस्सा 2017 के अंत तक बकाया था।

    बैंक ने बकाया ऋण के 2,810 करोड़ रुपये को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया था।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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