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    गूगल सर्च इंजन

    ‘गूगल’ महज़ एक कंपनी का नाम है, लेकिन 20 साल पहले किसी को नहीं मालूम था एक दिन ये नाम किसी Verb की तरह इस्तेमाल होगा।

    मतलब आज हम कितनी ही बार अपनी बोलचाल की भाषा में ये शब्द इस्तेमाल करते हैं। जैसे ये गूगल कर लो, वो गूगल कर लो! लेकिन आज हम आपको ले चलेंगे गूगल के जन्म से और उसके 20वें साल तक के सफर पर-

    कैसे शुरू हुआ गूगल?

    स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में पीएचडी के दो छात्रों लैरी पेज़ तथा सर्गेई ब्रिन ने इसकी स्थापना सन 1996 में की थी, उस समय उनका मुख्य उद्देश्य एक छोटा सा सर्च इंजन बनाना था जो इंटरनेट में पहले से ही मौजूद वेबसाइट को ढूंढने में लोगों की मदद कर सके।

    किस तरह से बदले नाम?

    सबसे पहले गूगल का नाम googol रखा गया था, जिसका अर्थ गणितीय भाषा में 1 के बाद 100 जीरो से था। गूगल की पहली वैबसाइट को स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के डोमेन से ही रजिस्टर किया गया जिसका डोमेन google.stanford.edu था।

    कहा जाता है कि एक इन्वेस्टर ने गलती से चेक पर कंपनी का नाम googol से google लिख दिया था, और इसी वजह से लैरी पेज को कंपनी का नाम बादल कर google रखना पड़ा जो आज पूरी दुनिया में छाया हुआ है।

    कैसे बाज़ार में आई गूगल?

    वर्ष 2004 में गूगल ने अपना आईपीओ जारी किया, उस समय गूगल ने अपने शेयर का दाम 85 डॉलर प्रति शेयर रखा जो कि 2007 में बढ़ कर 700 डॉलर प्रति शेयर हुआ जो आज 1100 डॉलर प्रति शेयर से भी ज्यादा है।

    कैसे आगे बढ़ती गयी गूगल?

    सर्च इंजन से अपनी शुरुआत करने वाली कंपनी गूगल ने कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और यही कारण है कि वो अपने प्रतिद्वंदियों से हमेशा आगे ही निकलती गयी। वर्ष 2005 में गूगल ने गूगल अर्थ नाम का एक सॉफ्टवेयर बनाया जिससे लोग पृथ्वी के मानचित्र का 3-D मॉडल देख सकते थे।

    2007 में गूगल ने 1.65 अरब डॉलर में यूट्यूब को खरीद लिया, हालांकि उस समय इस फैसले को लेकर गूगल की खूब आलोचना हुई थी, लेकिन बाद में गूगल का ये फैसला बिलकुल सही निकला। इसके साथ ही गूगल ने मोबाइल आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्राइड बनाया जिसने आगे चलकर मोबाइल फ़ोन के करीब 77 फीसद बाज़ार पर कब्ज़ा कर लिया।

    भविष्य को लेकर क्या योजना है गूगल की?

    गूगल फ़िलहाल मानवरहित कार व आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पर काम कर रहा है। कभी कुछ दिनों पहले गूगल ने एक सैन्य प्रोजेक्ट अपने हाथ में लिया था मगर गूगल के कर्मचारिओं ने उसपर काम करने से साफ़ मना कर दिया। इससे ये तो साफ़ है कि भविष्य में कभी गूगल इस तरह कि किसी भी टेक्नोलॉजी पर काम नहीं करेगा जिससे मानव जाति का नुकसान हो।

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