गुजरात के चौथे सबसे बड़े शहर राजकोट में सियासी दाव-पेंच इस समय अपने चरम सीमा पर है। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र का केंद्रबिंदु राजकोट को चार निर्वाचन क्षेत्रों में बांटा गया है। पश्चिम राजकोट की विधानसभा सीट राजनीतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
राजकोट पश्चिम विधानसभा क्षेत्र गुजरात राज्य के 182 विधानसभा क्षेत्र में से एक है। यह राजकोट जिले में स्थित है। इस सीट पर शहरी मतदाताओं का वर्चस्व और प्रभाव दोनों देखने को मिलता है।
2008 सीमांकन के बाद अस्तित्व में आई पश्चिमी राजकोट सीट में राजकोट नगर निगम के अंतर्गत आने वाले 8 वार्ड शामिल हैं। इस सीट पर 60 से 80 की दशक तक सभी पार्टियों की बराबर की दावेदारी रही है। उस समय इस सीट को कोई भी पार्टी लगातार 2 बार नहीं जीत पायी थी, लेकिन 1985 से यहाँ की जनता बीजेपी पर कुछ इस कदर मेहरबान हुई कि उसका जादू आज तक नहीं उतरा।
इस सीट पर बीजेपी का जादू लगभग 3 दशकों से बरकरार है। 1985 के बाद से बीजेपी यहां एक बार भी नहीं हारी है। इस क्षेत्र की जनसंख्या 2011 की सेन्सस के अनुसार लगभग 3,21,669 है। जिसमें से 1,68,588 आबादी पुरुषों की है तथा 1,53,080 आबादी महिलाओं की है।
धर्म | कुल योग |
हिन्दू | 2,97,417 |
मुस्लिम | 25,407 |
सिख | 230 |
जैन | 6,278 |
ईसाई | 909 |
बौद्ध | 141 |
अन्य धर्म | 49 |
2011 की धार्मिक जनसंख्या के अनुसार राजकोट पश्चिम का आंकलन
धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो यहाँ पर हिन्दुओं का बोलबाला है। हिन्दू जनसंख्या यहाँ पर सबसे ज्यादा है बाकी दूसरे धर्मों के लोग यहाँ जनसंख्या की दृष्टि से अल्पसंख्यक हैं। 3 दशकों से ज्यादा समय से इस सीट पर जमे रहने वाली पार्टी को हराना कांग्रेस के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं होगा।