जामखंभालिया, जिसे खंभालिया के नाम से भी जाना जाता है पश्चिमी भारत के गुजरात में देवभूमि द्वारका जिले में बसा हुआ एक शहर है। खंभालिया शहर द्वारका जिले का सबसे बड़ा शहर है।
जितना महत्वपूर्ण इस शहर का इतिहास है उतना ही महत्वपूर्ण है इस शहर के विधानसभा चुनाव के नतीजे है। इस शहर को विधानसभा चुनाव की दृष्टि से कुल 9 वार्डों में बाँटा गया है। 2011 के आंकड़ों के अनुसार यहाँ की कुल जनसंख्या 41,734 है, जिसमें से 21,449 जनसंख्या पुरुषों की है तथा 20,285 जनसंख्या महिलाओं की है।
2014 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों के अनुसार यहाँ मतदाताओं की कुल जनसंख्या 2,42,484 है, जिसमें से 1,26,743 मतदाता पुरुष है तथा 1,15,733 महिला मतदाता है। यहाँ पर पिछले कई विधानसभा चुनावों से बीजेपी लगातार जीतती आई है। खंभालिया में लम्बे समय से बीजेपी का वर्चस्व बरकरार रहा है। उल्लेखनीय है कि 1995 से लेकर 2012 तक यहाँ की जनता ने सिर्फ बीजेपी को ही स्वीकारा था। एक समय यह माना जाने लगा था कि इस जगह से बीजेपी को हराना नामुमकिन है, लेकिन 2014 में यहाँ कांग्रेस ने बीजेपी को मात दे दिया था।
इस हार के बाद से मुकाबला अब एकतरफा नहीं रह गया है। गौरतलब है कि कांग्रेस के अहीर मेरामण यहाँ 2014 से विधानसभा के सदस्य है इस क्षेत्र में महिला लिंगानुपात 946 है तथा बाल लिंगानुपात 899 है। साक्षरता दर की अगर हम बात करें तो तो इस शहर की साक्षरता दर 82.32 फीसदी है।
धर्म | कुल योग |
हिन्दू | 76.97% |
मुस्लिम | 22.37% |
सिख | 0.04% |
जैन | 0.36% |
ईसाई | 0.04% |
बौद्ध | 0.01% |
अन्य धर्म | 0.03% |
2011 के अनुसार खंभालिया की धार्मिक जनसंख्या का आंकलन
धार्मिक दृष्टि से यह क्षेत्र हिन्दुओं के लिए जहाँ एक तरफ पवित्र है तो वहीं यहाँ पर जनसंख्या के हिसाब से हिन्दू बहुसंख्यक समाज है। शायद यही कारण है कि हिंदुत्व आधारित राजनीति करने वाली पार्टी बीजेपी यहाँ 1995 से लेकर 2012 तक सभी विधानसभा चुनावों को जीतती आई थी। लेकिन उसके बावजूद इस बार यह कहना कि बीजेपी ही इस सीट को जीतेगी इतना आसान नहीं है। 2014 में कांग्रेस की जीत के बाद से ऐसा लगने लगा है कि यहाँ की जनता भले ही लम्बे वक्त से बीजेपी को जितातीआई हो लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हर बार की तरह इस बार भी बीजेपी ही जीते। जनता जनार्दन का मत कभी भी किसी के लिए भी बदल सकता है।