गुजरात में हुए राज्यसभा चुनावों के दौरान भाजपा-कांग्रेस में जबरदस्त जंग देखने को मिली। यूँ तो राज्यसभा चुनाव हमेशा शांतिपूर्ण तरीके से निपट जाते है और अधिकांशतः सांसद निर्विरोध निर्वाचित होते है। पर इन चुनावों में गहमागहमी भरा माहौल बना रहा। कांग्रेस के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले अहमद पटेल के खिलाफ भाजपा ने बागी कांग्रेसी और अहमद पटेल के भरोसेमंद रहे बलवंत सिंह राजपूत को मैदान में उतारा था। दिग्गज कांग्रेसी शंकर सिंह वाघेला की बगावत और कांग्रेस विधायकों के लगातार इस्तीफों ने अहमद पटेल की उम्मीदवारी को कमजोर कर दिया था। कांग्रेस के 14 विधायकों की बगावत के बावजूद अहमद पटेल आधे मतों के अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे और लगातार 5वीं बार राज्यसभा के लिए चुने गए। आज सुबह कांग्रेस पार्टी ने अपने 14 बागी विधायकों पर सख्ती दिखाते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इन सभी विधायकों को अगले 6 सालों के लिए निष्कासित किया गया है। इन पर पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने का आरोप है। निष्कासित विधायकों में दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला, उनके पुत्र महेंद्र सिंह वाघेला, राघवजी पटेल, भोलाभाई गोहिल, हुकुम जडेजा, आनंद चौधरी, सी. के. राउलजी, कमसी मकवाना, करमशी पटेल और धर्मेद्र सिंह जडेजा के नाम शामिल हैं।
आज गुजरात कांग्रेस के सभी 43 विधायकों ने अहमद पटेल से मुलाक़ात की और उन्हें जीत की बधाई दी। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और गुजरात कांग्रेस के प्रभारी अशोक गहलोत भी इस दौरान उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि अहमद पटेल की जीत गुजरात में पार्टी की एकता की जीत है। अहमद पटेल का साथ देकर आप सभी विधायकों ने आपसी एकजुटता का परिचय देते हुए भाजपा के मुँह पर करारा तमाचा मारा है। उन्होंने कहा कि बागी विधायकों पर सख्ती बरतनी जरुरी थी ताकि फिर कोई लोभ में आकर ऐसा कदम ना उठाए। मुलाक़ात के दौरान अहमद पटेल ने सभी विधायकों का शुक्रिया अदा किया और कहा कि अभी से आप सब दिन-रात एक करके विधानसभा चुनावों को तैयारी में जुट जायें। गुजरात में अगली सरकार कांग्रेस की ही बनेगी और 2019 में राहुल गाँधी मोदी को हराएंगे। उन्होंने गुजरात कांग्रेस के विधायकों से कहा कि आप सब अगले चुनावों में 125 सीटों के लक्ष्य के साथ मैदान में उतरें और उसे हासिल करें।