हदनहल्ली आदिशक्ति मरम्मा मंदिर इस बहुचर्चित तुमकुर निर्वाचन क्षेत्र में एक बार फिर चर्चा में है क्योंकि यह धर्मस्थल उन उम्मीदवारों के लिए गारंटी बना था, जिन्होंने 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वोट के बदले नोट दिये थे। इस संसदीय सीट से जदएस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
इस मंदिर को क्षेत्र में सबसे पावन मंदिरों में एक समझा जाता है। लोगों का मानना हे कि यहां झूठी कसम खाना ईशनिंदा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार वर्ष 2018 में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने लोगों को वोट के लिए प्रति परिवार 2000-2000 रूपये और मां दुर्गा की एक एक प्रतिमा दी थी और उनसे इस बात की शपथ लेने को कहा था कि वे खास उम्मीदवार को ही वोट देंगे।
तुमकुर शहर से करीब नौ किलोमीटर दूर स्थित इस गांव के कई लोगों इस आम चुनाव में भी 2018 की कहानी दोहराये जाने की उम्मीद है।
मंदिर के 72 वर्षीय पुरोहित मरियाना ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘यह मंदिर 1235 में बना था और यह चेचक के उपचार के लिए प्रसिद्ध है। जो लोग आस्था के साथ यहां आते हैं उनकी प्रार्थना सदैव सुन ली जाती है। हाल में नेता भी मंदिर में लोगों की इसी भावना का दोहन करने के लिए आने लगे।’’
हदनहल्ली ग्राम पंचायत के सदस्य रवींद्र गौड़ा ने बताया कि 2018 के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों ने लोगों का यहां लाकर उनके इसी विश्वास का दोहन किया और उनसे उनके पक्ष में वोट के लिए शपथ लेने को कहा। बाद में उन्हें कुछ पैसे भी दिये गये। इस शपथ के बाद यह पक्का हो गया कि वह खास उम्मीदवार से पैसा लेने के बाद किसी अन्य को वोट नहीं देगा।
तेरहवीं सदी का यह मंदिर कामनापूर्ति धर्मस्थल के रूप में जाना जाता है और मंदिर की देवी आदिशक्ति दुर्गा को तुमकुर, बेंगलुरु ग्रामीण और चिक्कबल्लपुर जिलों में लोग बड़ी श्रद्धा की नजर से देखते हैं।
लोगों का देवी दुर्गा में इतना विश्वास है कि वे उनके सामने किये किसी भी वादे को तोड़ने से डरते हैं।
मतदान की तारीख के नजदीक आने के साथ ही स्थानीय लोगों का कहना हे कि मंदिर में उनके विश्वास का दोहन करने की तरकीब फिर अपनायी जा सकती है, खासकर ऐसे में जब जदएस नेता वास्तु, ज्योतिष और अन्य आध्यात्मिक एवं धार्मिक रिवाजों में विश्वास करते हैं।
तुमकुर लोकसभा सीट पर देवेगौड़ा का भाजपा के जी एस बासवराजू से मुकाबला है।