Sat. Nov 9th, 2024
    पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान

    पाकिस्तान ने करतारपुर समझौते पर पहला ड्राफ्ट प्रस्तावित करने की तैयारी में जुटा है। इस ड्राफ्ट के मुताबिक पाकिस्तान इस वीजा मुक्त यात्रा के लिए प्रतिदिन 500 श्रद्धालुओं तक ही सीमित रखेगा। ड्राफ्ट के अनुसार, जो इस्मलाबाद जल्द ही नई दिल्ली के समक्ष रखेगा, इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को अपना पासपोर्ट रखना होगा और भारत से सुरक्षा गारंटी लेनी होगी।

    पाकिस्तान का करतारपुर समझौते पर ड्राफ्ट

    करतारपुर गलियारे में प्रवेश से तीन दिन पूर्व भारत को श्रद्धालुओं की जानकारी और सुरक्षा गारंटी सर्टिफिकेट पाकिस्तान के साथ साझा करना होगा। इसके मुताबिक श्रद्धालुओं को 15 लोगों के समूह में विभाजित करना होगा और गलियारा सिर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा।

    भारत और पाकिस्तान को श्रद्धालुओं के नाम और यात्रा जानकारी का एक डाटाबेस तैयार करना होगा। 59 पन्नों के इस ड्राफ्ट को अभी भारत को सौंपा जाना बाकी है। इस ड्राफ्ट के मुताबिक पाकिस्तान किसी के भी प्रवेश पर रोक लगा सकता है, यह पाकिस्तान का अधिकार होगा।

    यदि पाकिस्तान किसी श्रद्धालु को सुरक्षा के लिए खतरा समझेगा तो पाकिस्तान श्रद्धालु को अनुमति मिलने के बावजूद पाकिस्तानी सरजमीं में रहने के समय को काम कर सकता है। विवाद की संभावना पर, यह मसला कूटनीतिक स्तर पर सुझाया जायेगा। दोनों मुल्क एक माह का नोटिस देकर समझौते को रद्द कर सकते हैं। यह समझौता सीमा सुरक्षा की हालिया प्रतिबद्धताओं को प्रभावित नहीं करेगा।

    ऑनलाइन प्रक्रिया की शुरुआत

    भारत ने पाकिस्तान को करतारपुर गलियारे की अंतिम ब्लूप्रिंट दिखाने के लिए आमंत्रित किया था। सरकार श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया करने की योजना बना रही है, जहां श्रद्धालु खुद को पंजीकृत कर पाएंगे और यात्रा का समय और तारीख का चयन कर पायेंगे।

    सिखों की श्रद्धा करतारपुर

    करतारपुर गलियारे का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय गलियारे से गुरुद्वारा दरबार साहिब तक होगा। सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक ने करतारपुर साहिब गुरूद्वारे में अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष व्यतीत किये थे। डेरा बाबा नानक साहिब से इस यात्रा को वीजा मुक्त शुरू किया जायेगा। करतारपुर गलियारे का निर्माण कार्य छह में समाप्त हो जायेगा।

    पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में यात्रा के लिए सिख श्रद्धालुओं के लिए यह एक उपहार है। सिखों के पहले गुरु और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष इसी स्थान पर व्यतीत किये थे। उनकी मृत्यु साल 1539 में हुई थी।

    भारत के पंजाब राज्य के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के करतारपुर गलियारे के स्थापना समारोह में सम्मिलित होने के न्योते को स्वीकार लिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *