Fri. May 3rd, 2024
    उबेर पाकिस्तान के ड्राईवर अहमद और भारतीय नागरिक प्राभदीप

    भारत के एक नागरिक का पाकिस्तान में मेहमाननवाज़ी के अनुभव ने सोशल मीडिया पर लोगों की दिल जीत लिया है। सोसिअल्मेडिया पर भाईचारे की सराहना की जाने लगी है। लाहौर में दोस्त की शादी में शरीक होने के लिए प्राभदीप लाहौर में थे, जहां उनका प्यार और सत्कार से स्वागत किया गया था। लेकिन पक्सितन के उबेर ड्राईवर के साथ उनका एक अलग रिश्ता जुड़ गया है।

    उबेर ड्राईवर ने न सिर्फ प्राभदीप का गर्मजोशी से स्वागत किया, बलि वगाह बॉर्डर तक उनसे सवारी का एक रुपया भी नहीं लिया। ड्राईवर ने उन्हें पाकिस्तान की सरजमीं पर भारतीय मेहमान कहा। अब इनकी कहानी ने दोनों मुल्कों के लोगों का दिल जीत लिया और दोनों राष्ट्रों को बातचीत के जरिये दोस्ती को मज़बूत करने की पहल करने को कहा गया है।

    प्राभदीप ने ट्वीट कर कहा कि “मैंने पांच उपमहाद्वीपों में उबेर ली थी, लेकिन मेरा उबेर का बेहतरीन अनुभव इस हफ्ते की शुरुआत में पाकिस्तान में हुआ था। उन्होंने कहा कि ड्राईवर अहमद ने मुझे लाहौर से वगाह बॉर्डर तक छोड़ा, उन्होंने मुझे भारतीय मेहमान कहकर पैसे लेने से इनकार कर दिया था। मेरे बॉर्डर क्रॉस करने तक अहमद ने इंतजार किया, यह प्यार और भाईचारे को दर्शाता है।”

    प्राभदीप हैदराबाद में एक निजी एम्बुलेंस की सर्विस मुआहिय करते हैं। इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों के संदेशों की बहार आ गयी है।

    उबेर इंडिया ने इस खूबसूरत यत्र पर ट्वीट कर कहा कि “बॉर्डर केवल एक पुल है जो हमें करीब करता है। पाकिस्तान के सफी शाह ने कहा कि कई बेहतरीन कहानी है कि उबेर एक भारतीय और पाकिस्तानी को करीब ले आया। ड्राईवर अहमद के लिए छह स्टार और प्राभदीप को अपना अनुभव साझा करने और पाकिस्तान की यात्रा करने के लिए शुक्रिया।

    सिंह ने कहा कि “मुझे लोगों से इस तरह की प्रतिक्रिया की वाकई उम्मीद नहीं थी। इमानदारी से कहूँ तो मैं सिर्फ पाकिस्तान उबेर को अहमद की मेहमाननवाजी के बारे में बताना चाहता था। मेरा मकसद अहमद की दयालुता और सौहार्द व इस खूबसूरत यात्रा को और बहतरीन बनाने के लिए, उसकी सराहना करना था। दोनों तरफ से लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया देखकर मैं आनंदित हूँ।”

    उन्होंने कहा कि अहमद के निस्वार्थ कृत्य को देखते हुए, उबेर पाकिस्तान में अहमद को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि जब मैं लाहौर में था, मुझे वह हैदराबाद की तरह लग रहा था। दोनों देशों के लोग एक ही तरह की भाषा बोलते है और एक जैसे ही पकवान बनाते हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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