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    ज्योतिरादित्य सिंधिया

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छिंदवाड़ा से लोकसभा सांसद कमलनाथ ने कहा है कि आगामी वर्ष होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया ही मध्य प्रदेश कांग्रेस की कमान सँभालेंगे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में पार्टी नेता के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि इसकी औपचारिक घोषणा सही वक्त आने पर की जाएगी। पिछले काफी वक्त से मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस के चेहरे को लेकर संशय बना हुआ था। कमलनाथ की इस घोषणा के बाद उन सभी अटकलों पर विराम लग गया जिसमे कहा जा रहा था कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के चेहरे को लेकर कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच खटपट चल रही है।

    ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुंगावली कस्बे में गए थे जहां उन्होंने दिवंगत कांग्रेसी नेता महेंद्र सिंह कालूखेड़ा के परिजनों से मुलाकात की। वहाँ से लौटते वक्त पत्रकारों से हुई वार्ता में कमलनाथ ने यह बात कही। 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ही दो ऐसे नेता थे जो मध्य प्रदेश में कांग्रेस की नाक बचने में सफल रहे थे। शेष सभी सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। कमलनाथ मध्य प्रदेश के सबसे अनुभवी कांग्रेस नेताओं में से एक हैं और 9 बार से लगातार छिंदवाड़ा से जीतकर लोकसभा पहुँच रहे हैं। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार 4 बार से गुना से लोकसभा सांसद हैं। यह सीट उन्हें अपने पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया से विरासत में मिली है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर के राजघराने से ताल्लुक रखते हैं।

    तैयारियों में जुट गई है कांग्रेस

    मध्य प्रदेश विधान सभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस अभी से तैयारियों में जुट गई है। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश का पिछले विधान सभा चुनाव भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में लड़ा था पर उस वक्त उनको आखिरी वक्त में आगे किया गया था। इसकी वजह से कांग्रेस कुछ खास नहीं कर सकी थी पर उसका प्रदर्शन जरूर सुधरा था। कांग्रेस दोबारा यही गलती नहीं दोहराना चाहती है इसलिए उसने अभी से ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया है। इस बाबत माना जा रहा था कि कमलनाथ ज्योतिरादित्य सिंधिया की खिलाफत कर सकते हैं क्योंकि अनुभव और संगठन क्षमता में ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके आगे कहीं नहीं टिकते हैं। लेकिन खुद कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम आगे कर कांग्रेस के लिए राह आसान बना दी है।

    व्यापम घोटाला, किसानों की आत्महत्या जैसे कई मुद्दों पर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार घिरती नजर आ रही है। मध्य प्रदेश में भाजपा की लोकप्रियता में गिरावट आई है और इसे स्पष्ट तौर पर महसूस किया जा सकता है। कमलनाथ विधानसभा चुनावों की तैयारियों और संगठन की मजबूती के लिए राज्यव्यापी दौरे पर हैं। उनके अतिरिक्त दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके दिग्विजय सिंह भी 6 महीने के राज्यव्यापी दौरे पर हैं। राहुल गाँधी के बेहद करीबी माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की युवा वर्ग में अच्छी पकड़ है और घोटालों की आंच में झुलसी मध्य प्रदेश सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए कांग्रेस उन्हें आगे कर चल रही है। मौजूदा परिस्थितियां भी कांग्रेस के पक्ष में हैं। ऐसे में मुमकिन है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस का 15 सालों का सियासी वनवास समाप्त हो जाए और ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में उसकी सत्ता वापसी हो।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।