Fri. Apr 26th, 2024
    भारत और पाकिस्तान के ध्वज

    भारत ने एलओसी के पास व्यापार पर रोक लगा दी थी इस पर पाकिस्तान ने गुरूवार को भारत के निर्णय पर अफ़सोस की प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि “भरोसे को बढ़ाने के लिए उठाये कदम जरुरी है।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने रेडियो पाकिस्तान के हवाले से कहा कि “व्यापार और अन्य भरोसा बढ़ाने वाले कदम पड़ोसी मुल्कों के बीच जरूरी है और भारत का कारोबार रोकने का निर्णय अफसोसजनक है।”

    उन्होंने कहा कि “करतारपुर गलियारे के लिए पाकिस्तान प्रतिबद्ध है और इस सम्बन्ध में भारत के साथ अगली बैठक का इंतज़ार कर रहे हैं।” 17 अप्रैल को गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में सीमा पार व्यापार पर रोक लगाने के आदेश जारी किये थे जो 19 अप्रैल से प्रभावित होते।

    भारतीय गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि “सरकार को रिपोर्ट्स मिली है कि पाकिस्तानी तत्व व्यापार मार्ग का इस्तेमाल अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग और जाली नोटों की हेराफेरी के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।” इसी बुनियाद पर भारत सरकार ने कार्रवाई की थी। राष्ट्रीय जांच विभाग ने कई मामलो की जांच के दौरान पाया कि एलओसी से व्यापार पर कई चिंताएं हैं क्योंकि प्रतिबंधित आतंकी संगठन आतंकवाद के प्रसार के लिए व्यपार का दुरूपयोग कर सकते हैं।”

    जांच में यह भी खुलासा हुआ कि पाकिस्तान की सरजमीं पर जाने वाले व्यक्तियों ने चरमपंथी संगठनों को ज्वाइन किया है और उन्होंने पाकिस्तान में कारोबारी कंपनियां शुरू कर ली है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि “हमारे विचार से इस मामले से निपटने के लिए कई बेहतर विकल्प है। नहीं तो महत्वपूर्ण सीबीएम पर एकतरफा रोक लगाई जा सकती है।”

    पाकिस्तान ने साल 2008 में एलओसी पार व्यापार की शुरुआत की थी और तब से यह व्यापार मार्च 2018 तक 5000 करोड़ के आंकड़े को छू चुका है। लाल मिर्च, जीरा, इमली, केले, आम, सूखे खजूर और ड्राई फ्रूट का आदान -प्रदान जम्मू कश्मीर और पीओके के बीच होता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *