विषय-सूचि
एंड्रोमेडा गैलेक्सी क्या है? (what is andromeda galaxy in hindi)
एंड्रोमेडा गैलेक्सी का एस्ट्रोनॉमिकल नाम Messier 31 है। यह रात के आकाश में एक लम्बे धुंधले पट्टे के रूप में नजर आता है। बाइनोकुलर के द्वारा ये आसानी से देखे जा सकते हैं।
एक प्रकार का स्पाइरल आकाशगंगा है, जो मिल्की वे के सबसे नजदीक है। पृथ्वी से इसकी दूरी 2.5 मिलियन प्रकाश वर्ष की है। इसके अंदर पृथ्वी से आसानी से दिखने वाला तारामंडल या नक्षत्र मौजूद है, जिसका नाम भी एंड्रोमेडा ही है।
एंड्रोमेडा की स्थिति (Location of Andromeda in Hindi)
2006 में Spitzer अंतरिक्ष टेलिस्कोप के मदद से लगभग 1 ट्रिलियन सितारों की खोज की गई। एंड्रोमेडा गैलेक्सी 222,000 प्रकाश वर्ष तक फैला हुआ है और अब तक के खोजे गए आकाशगंगाओं के समूह में सबसे बड़ा है। इसका भार मिल्की वे से 1.5 गुना ज्यादा ज्यादा है।
इसका परिमाण (magnitude) 3.4 है जो अमावस की रात में भी आसानी से दिख जाता है।इसका मध्य भाग बहुत ज्यादा उभरा हुआ है जोकि गैस मिश्रित बादलों, धूल, तारों एवं एक बहुत बड़े halo से घिरा हुआ है।
प्राचीन काल से लेकर अबतक किये गए शोध (History & Observations About Andromeda Galaxy in Hindi)
साल 964 में फ़ारसी (Persian) खगोल वैज्ञानिक अब्दुल अल रहमान सूफी ने अपनी किताब में इस आकाशगंगा का पहली बार जिक्र किया जिसको उन्होंने nebulous धब्बा के रूप में व्यक्त किया। 1612 में जर्मन वैज्ञानिक साइमन मारियस ने टेलिस्कोप के द्वारा एंड्रोमेडा गैलेक्सी के कुछ विशेषताओं को व्यक्त किया। इसके बाद कई वैज्ञानिकों ने यह अध्ययन जारी रखा हालाँकि वे सब इसे एक बहुत बड़ा नाब्युला मानते थे।
1864 में विलियम नाम के वैज्ञानिक ने अपने शोध से यह पाया कि एंड्रोमेडा एक नाब्युला के विषेशताओं के बिलकुल विपरीत था। आगे चलकर इस घेरे में पाए जाने वाले बहुत सारे तारों की खोज हुई, फिर साल 1887 में इस आकाशगंगा की कुछ पहली तस्वीरें सामने आयीं जिसके आधार पर यह सिद्ध हो गया कि यह एक बहुत बड़ा एलिप्टिकल प्रकार का आकाशगंगा है।
अभी के अध्ययनों से यह पता चलता है कि यह आकाशगंगा आकार में और बढ़ता जा रहा है। हब्बल टेलिस्कोप के द्वारा यह पता चला है कि पहले के मुकाबले एंड्रोमेडा का आकार 1000 गुना ज्यादा हो गया है। 2017 में नासा के Nuclear Spectroscopic टेलिस्कोप के द्वारा किये गए अध्ययनों के आधार पर यह पता चला कि इस आकाशगंगा में 26 ब्लैक होल विराजमान हैं। इस गैलेक्सी में कई सुपरनोवा प्रतिक्रियां, नए तारों का बनना एवं नष्ट होना, तारों का समीकरण, कई सौर मंडल आदि पाए गए हैं।
टकराव की स्थिति (Information About Collision of Milky Way & Andromeda Galaxy)
एंड्रोमेडा एवं मिल्की वे आकाशगंगा एक दूसरे के तरफ बढ़ रही हैं, जिसके आधार पर वैज्ञानिक कहते हैं कि 4.5 बिलियन सालों बाद मिल्की वे और एंड्रोमेडा आकाशगंगा एक दूसरे से टकरा जायेंगे जिसके परिणामस्वरूप एक बहुत बड़े एवं भारी एलिप्टिकल या डिस्क के प्रकार के आकाशगंगा का निर्माण होगा।
जब यह प्रतिक्रिया होगी तब तक सूर्य फूलकर एक बहुत बड़ा लाल रंग का तारा बन जायगा जिसमे सारे ग्रह समा चुके होंगे। ये दोनों गैलेक्सी 112 किमी प्रति सेकंड कि रफ़्तार से एक दूसरे के नजदीक आ रहे हैं।
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